7 साल पहले 2012 में करण जौहर ने अपनी फिल्म स्टूडेंट ऑफ द ईयर के जरिये वरुण धवन, आलिया भट्ट और सिद्धार्थ मल्होत्रा को अवसर दिया था। फिल्म हिट रही और इन सितारों को बॉलीवुड में पैर जमाने का मौका मिल गया।
आलिया भट्ट तो देखते ही देखते आगे निकल गईं। वे न केवल स्टार बनीं बल्कि एक दमदार एक्ट्रेस के रूप में भी उन्होंने छाप छोड़ी और इस समय बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेस के रूप में उनका नाम है।
स्टूडेंट ऑफ द ईयर की रिलीज के बाद वरुण के मुकाबले सिद्धार्थ आगे निकले। उनकी एक विलेन और कपूर एंड सन्स पसंद की गई, लेकिन जल्दी ही वरुण धवन ने सिद्धार्थ को पछाड़ दिया।
आज आलिया और वरुण, सिद्धार्थ से मीलों आगे खड़े नजर आते हैं। जबकि सिद्धार्थ इस समय अपने आपको बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
सिद्धार्थ की पिछली कुछ फिल्में बार बार देखो, ए जेंटलमैन, अय्यारी, जबरिया जोड़ी बुरी तरह फ्लॉप रहीं। इन फिल्मों के बैनर बड़े थे। जैकलीन फर्नांडीस, कैटरीना कैफ, सोनाक्षी सिन्हा जैसी हीरोइनें भी इस फिल्म में थीं, लेकिन दर्शकों ने नकार दिया।
खुद सिद्धार्थ भी इन फिल्मों में रंग में नजर नहीं आएं। न तो वे एक्टर के रूप में प्रभावित कर पाए और न ही स्टार के रूप में उन्होंने दर्शकों का दिल जीता।
15 नवंबर को सिद्धार्थ की मरजावां रिलीज हो रही है और इस फिल्म की सफलता या असफलता सिद्धार्थ के लिए बहुत मायने रखती है। यदि फिल्म असफल रहती है तो सिद्धार्थ को वापसी करना मुश्किल हो जाएगा और यदि फिल्म सफल रहती है तो सिद्धार्थ एक बार फिर दौड़ में शामिल हो जाएंगे।
मरजावां एक मसाला फिल्म है। इस फिल्म का कंटेंट और ट्रीटमेंट नब्बे के दशक में बनने वाली फिल्मों जैसा है। सीधे-सीधे हीरो और विलेन की लड़ाई है।
सिद्धार्थ के सामने रितेश देशमुख हैं। हीरो और विलेन की यह जोड़ी एक विलेन में भी नजर आई थीं जिसने बॉक्स ऑफिस पर भारी सफलता हासिल की थी। अब इसी जोड़ी से एक और करिश्मे की उम्मीद है।
फिल्म को मिलाप ज़वेरी ने बनाया है। मिलाप सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर के दर्शकों की पसंद के अनुरूप फिल्में बनाते हैं। लेखक के रूप में उन्होंने कई सफल फिल्में लिखी हैं।
उनके द्वारा निर्देशित पिछली फिल्म सत्यमेव जयते बॉक्स ऑफिस पर हिट रही थी और सिंगल स्क्रीन में काफी पसंद की गई थी। उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश के भीतरी इलाकों में फिल्म को काफी देखा गया था।
एक बार फिर उन्होंने मरजावां में इसी फॉर्मूले को आजमाया है। देखना ये है कि मिलाप का यह फॉर्मूला सिद्धार्थ पर कितना असरदायक होता है।