Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

सुशांत बिन 365 दिन: क्या सुशांत सिंह राजपूत के जाने से बॉलीवुड की लोकप्रियता घट गई?

हमें फॉलो करें सुशांत बिन 365 दिन: क्या सुशांत सिंह राजपूत के जाने से बॉलीवुड की लोकप्रियता घट गई?
, सोमवार, 14 जून 2021 (08:13 IST)
सुशांत को इस दुनिया को अलविदा कहे 365 दिन हो गए, लेकिन एक दिन भी ऐसा नहीं बीता जब सुशांत की चर्चा नहीं हुई हो। याद आती है 14 जून 2020 की वो मनहूस दोपहर जब सुशांत के नहीं रहने की खबर आई थी। जिसने भी सुना उसे यकीन ही नहीं हुआ। पता नहीं था कि चमकती-दमकती फिल्म इंडस्ट्री का यह कलाकार अंदर से इतना अशांत-दु:खी और उदास था। फैंस भड़क गए और उन्होंने सुशांत की मृत्यु पर सवाल उठा ‍दिए और उनकी इस भावनाओं को कुछ टीवी चैनल ने खूब हवा दी। पुलिस की जांच पर सवाल उठा दिए। खुद ही अपराधी तय कर दिए। हत्या या आत्महत्या के इर्दगिर्द खबरें बुनी गई। माहौल इतना गरमा गया कि महामारी कोरोना की खबर सुशांत की मौत की खबर के नीचे दब गई। ‘तमाशा’ कुछ इस कदर हुआ कि सुशांत की अच्छी बातों की चर्चा ही नहीं हुई। सस्ते जासूसी उपन्यास की तरह खबरें लिखी गईं। खूबसूरत कालीन के नीचे छिपी गंदगी भी सतह पर आ गई, लेकिन अभी तक कोई निष्कर्ष इन बातों का नहीं निकला। सुशांत के फैंस का मानना है कि उनके प्रिय सितारे की हत्या हुई है, जबकि अब तक जो भी जांच हुई है वो इस बात के नजदीक पहुंची है कि सुशांत ने खुद अपना जीवन खत्म कर लिया। इन 365 दिनों में सुशांत की मौत से हिंदी फिल्म उद्योग में भी काफी उथल-पुथल मची।

1) घटी बॉलीवुड की प्रतिष्ठा
सुशांत के नहीं रहने के बाद बॉलीवुड की प्रतिष्ठा बहुत घट गई। आम आदमी समझने लगा है कि खूबसूरत चेहरे महज नकाब है जिसके पीछे बदसूरती है। फिल्म स्टार्स, दिग्गज निर्देशकों और बड़े बैनर्स की लोकप्रियता और प्रतिष्ठा दागदार हुई। चूंकि कोरोना के चलते सिनेमाघर लगभग एक साल से बंद जैसे ही हैं। जब स्थितियां सामान्य होंगी, फिल्में‍ रिलीज होंगी तब पता चलेगा कि क्या दर्शकों का बॉलीवुड से मोहभंग हो गया है।

2) नेपोटिज्म के खिलाफ बही हवा
यह हमेशा से माना जाता रहा है कि फिल्म इंडस्ट्री पर कुछ लोगों का कब्जा है और बाहर से आने वाले कलाकारों/निर्देशकों को बहुत संघर्ष करना पड़ता है और कुछ ही लोग सफल होते हैं, लेकिन स्टार्स के बेटे-बेटियों को फौरन मौका मिल जाता है। माना जाता है कि सुशांत भी इस वजह से लगातार जूझ रहे थे और अवसादग्रस्त हो गए थे। नेपोटिज्म के खिलाफ कुछ लोगों ने जोरदार तरीके से आवाज उठाई है और सोशल मीडिया पर कई फिल्मों के खिलाफ अभियान भी चला है।

3) ड्रग का काला साया
कुछ ऐसे नाम फिल्म इंडस्ट्री से उजागर हुए हैं जो अंदर से डरे हुए और खोखले हैं। उन्हें दुनिया का सामना करने के लिए ड्रग्स का सहारा लेना पड़ता है। सुशांत की जांच शुरू हुई तो इन स्टार्स को पता नहीं था कि लपटें उन तक भी पहुंच जाएगी। कई चेहरे बेनकाब हुए। जांच करने वाले भी उन तक पहुंचे। हालांकि कुछ ठोस बातें सामने नहीं आईं। संभव है ‍कि कुछ से सिर्फ पूछताछ ही हुई हो। वे ड्रग्स का सेवन नहीं भी करते हों, लेकिन इस बात का खुलासा हो गया कि ड्रग्स का काला साया फिल्म इंडस्ट्री पर मंडाराया हुआ है।

 
4) घटती स्टार्स की लोकप्रियता
बड़े सितारों की लोकप्रियता में गिरावट आ गई है। एक तो सिनेमाघर बंद होने से उनकी फिल्में सिनेमाघर में रिलीज नहीं हो पाई। सौ करोड़, दो सौ करोड़ के कलेक्शन पर वे दम भरते थे, वो बातें बंद हो गई। ओटीटी पर उनकी फिल्में रिलीज हुई तो उन्होंने मुंह की खाई। सुशांत की मृत्यु पर उनकी चुप्पी भी लोगों को अखरी। एक साल से वे चर्चा से बाहर हैं। क्या अब उन्हें पहले जैसा प्यार मिलेगा? इसका सवाल आने वाले दिनों में मिलेगा।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

मिडिल-क्लास होने के अपने मजे हैं : Funny Message