दिवाली पर लोग कॉमेडी देखना पसंद करते हैं। इसलिए उम्मीद थी कि इंद्र कुमार की फिल्म 'थैंक गॉड' सफलता के झंडे गाड़ेगी, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर यह दिवाली का फुस्सी बम साबित हुई। किसी ने नहीं सोचा था कि एक बड़ी स्टारकास्ट वाली फिल्म का ऐसा हाल होगा। आखिर क्यों नहीं चली थैंक गॉड? कहां कमी रह गई? आइए करते हैं पड़ताल...
पहला कारण: कॉमेडी गायब
ट्रेलर देख उम्मीद जागी थी कि फिल्म में ठहाके लगाने के खूब मौके आएंगे, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। कहने तो को तो 'थैंक गॉड' कॉमेडी फिल्म है, लेकिन फिल्म देखते समय बिलकुल हंसी नहीं आती। न ऐसी सिचुएशन आती हैं कि ठहाके लगाएं और न ही डायलॉग्स ऐसे हैं कि हंसी छूट जाए। फिल्म देखने के बाद आप ठगा सा महसूस करते हैं कि कॉमेडी के नाम पर ये क्या दिखा दिया?
दूसरा कारण: आउटडेटेट स्क्रीनप्ले
थैंक गॉड की स्टोरी तो ठीक-ठाक है, लेकिन स्क्रीनप्ले आउटडेटेट है। कुछ भी नया नहीं है। बेवजह सिद्धार्थ मल्होत्रा का विलेन बनाने पर तुले रहते हैं जबकि वो तो हालात का मारा रहता है। स्क्रीनप्ले राइटर्स ने पता नहीं क्यों घिसे-पिटे किस्सों को फिल्म में डाल दिया है?
तीसरा कारण: आउट ऑफ फॉर्म इंद्र कुमार
इंद्र कुमार बॉलीवुड का बड़ा नाम है। दिल, बेटा, इश्क, मस्ती, धमाल जैसी कई हिट फिल्म दे चुके हैं। थैंक गॉड में ये डायरेक्टर चूका नजर आया। अपने काम के जरिये वह आउट ऑफ फॉर्म दिखाई दिया। इंद्र के प्रस्तुतिकरण में वो पैनापन नजर नहीं आया जिसके लिए वे जाने जाते हैं।
चौथा कारण: न हिट गाने, न रोमांस
थैंक गॉड सिंगल ट्रैक पर चलती है और वो भी दिलचस्प नहीं है तो दर्शकों की हालत आप समझ सकते हैं। फिल्म में हिट गाना नहीं है। न गाने के लिए कोई ठोस सिचुएशन बनाई गई है। रोमांस भी नदारद है। जो कॉमेडी दिखाई वो असरदायक नहीं है। फिर भला दर्शको को कैसे एंगेज किया जा सकता है?
पांचवां कारण: नहीं जमे अजय-सिद्धार्थ-रकुल
थैंक गॉड में अजय देवगन, सिद्धार्थ मल्होत्रा, रकुल प्रीत सिंह जैसे बड़े नाम हैं। रकुल को तो कम सीन मिले। सिद्धार्थ मल्होत्रा ठीक-ठाक रहे और कई दृश्यों में दिखा कि कॉमेडी में उनका हाथ तंग है। अजय देवगन जरूर बेहतर रहे, लेकिन उनके रोल में वैरायटी नजर नहीं आई। ये तीनों कलाकार प्रतिभाशाली होने के बावजूद ज्यादा असर नहीं छोड़ पाए। लिहाजा थैंक गॉड को गॉड भी असफल होने से बचा नहीं पाए।