"मैं एक कंपलसिव जुआरी हूं। मुझे दिवाली पर जुआ खेलना पसंद है। मैं बचपन से खेलता आ रहा हूं।" आमिर खान जो पर्दे पर और पर्दे के बाहर अपनी संजीदा और हर काम को सही तरीके से करने वाले की पहचाने वाले हैं, जब ऐसा जवाब दें तो हैरानी होना स्वाभाविक है। आमिर ने रूना आ़शीष को बताया कि मुझे तीन पत्ती का खेल बहुत अच्छा लगता है। मैं अपने घर में अपने दोस्तों के साथ गैंबल करता हूं।
16 साल की उमर से खेल रहा हूं
मैं जीतने के लिए नहीं खेलता। मैं वहां खेलने के लिए खेलता हूं। मुझे गैंबल करना पसंद है और दीवाली की रात गैंबल करता ही हूं। ये मैं 18 साल या 16 साल का था तब से कर रहा हूं। तब बिल्डिंग के अपने दोस्तों के साथ खेलता था। वहां हम छोटों और बड़े लोगों के बीच में गैंबलिंग होती थी। उस समय मेरा बजट 1000 रुपये होता था। मैं सोच कर रखता था कि आज इतने पैसे हैं, अब हार हो या जीत, खेलना ज़रूर है। वैसे भी मैं बड़ा लापरवाह किस्म का खिलाड़ी हूं। अम्बी-अब्बू से डांट भी पड़ती थी। पहले मेरा बजट कुल एक हजार रुपये का था। अब तो एक बाजी ही दो हजार की हो जाती है।
तीन पत्ती और पोकर
पहले मैं काफी सालों तक तीन पत्ती खेलता रहा था फिर पोकर खेलना शुरू कर दिया। पोकर की एक बार आदत लग जाती है तो छूटती नहीं। इस गेम में आपको किस्मत तो चाहिए ही बल्कि आपको दिमाग भी खूब लड़ाना पड़ता है। इसमें आपको स्ट्रैटेजी बनानी पड़ती है। बहुत माइंड गेम है।
अनार-चकरी पसंद
मैं बचपन से कभी भी तेज आवाज़ वाले पटाखे पसंद नहीं करता था। मेरे पास रोशनी वाले पटाखे हमेशा होते थे। मुझे सांप या चकरी या अनार या तरह-तरह की फुलझड़ियां जलाना पसंद रहा है।