नीतू कपूर जी के साथ काम करना मतलब ऐसा लगता है जैसे कि किसी परिवार जन के साथ ही काम कर रहे हैं। वह इतनी बेहतरीन शख्स है। इतनी हिम्मत वाली हैं कि उनके साथ काम करने में अलग ही मजा आया है। आप सभी जानते हैं कि हमनें ऋषि जी को हाल ही में खो दिया, दुख भी हुआ था। पूरे परिवार के लिए बड़ा बुरा भी लग रहा था। उसके बाद करण जौहर ने मुझे बताया कि 'जुग जुग जीयो' फिल्म में नीतू जी भी हमारे साथ काम कर रहे हैं। तो कहीं जाकर दिल को बड़ा अच्छा लगा था।
नीतू जी की खासियत है वह बहुत ही सामान्य महिला जैसा बर्ताव करती हैं। लेकिन साथ ही साथ यह भी याद रखती हैं कि उन्हें अपने स्टारडम को भी अपने साथ रखना है। इतनी शालीनता है उनमें तो वहीं आपको देखकर समझ में आ जाता है और बातचीत में यह लगने लग जाता है कि वह देश के बड़े ही जाने माने बॉलीवुड परिवार से ताल्लुक रखती हैं। अब देखिए ना उनकी पहली फिल्म से लेकर मैं उन्हें देखता रहा हूं उनकी शादी हुई ऐसे परिवार में और ऋषि जी जो बेहतरीन एक्टर रहे हैं। फिर उनके बेटे की बात करें रणबीर की, तो पूरा देश उनकों बहुत प्यार करता है, लेकिन उनके अंदर एक सहज बचपना है जो आपको उनकी तरफ जुड़ाव के लिए वजह देता है। यह बात कही अनिल कपूर ने जो फिल्म 'जुग जुग जीयो' में वरुण धवन, कियारा आडवाणी और नीतू कपूर के साथ नजर आने वाले हैं।
अपनी फिल्म जुग जुग जीयो के प्रमोशन इंटरव्यू के दौरान अनिल कपूर के हर बार के तरह मस्त मौला का अंदाज था, वह इस बार जरा कम देखने को मिला। बातों को थोड़े से संजीदा तो कभी फनी अंदाज में जवाब देते हुए अनिल कपूर ने अपनी बातों को आगे बढ़ाया और पत्रकारों को अपने कैरेक्टर भीम के बारे में बताया। उनका कहना है कि भीम जो शख्स है वह हर मर्द में छुपा होगा। सोचता तो है दूसरे महिलाओं के बारे में कि पत्नी के होते हुए किसी और ख्यालों में डूबे रहने के बारे में बस अंतर यह है कि कुछेक लोग सिर्फ सोचते ही रह जाते हैं और कुछ लोग कर कर देते हैं और मैं उनमें से हूं जो ऐसे काम कर चुका है।
तलाक आज भी समाज में खुले दिल से स्वीकार नहीं किया जाता है। जुग जुग जीयो में आप के रोल को देखने के बाद आपसे जानना चाहेंगे कि आपकी निजी राय क्या है?
मुझे लगता है कि जिंदगी बहुत छोटी और बहुत ही कीमती है। मेरे हिसाब से आदमी मर्दों से ज्यादा महिलाओं के ऊपर शादी सम्हलने का दबाव होता है। जिंदगी में जब भी किसी महिला को लगता है कि भाई जिस शख्स के साथ में रह रही हो, किसी टॉर्चर से कम नहीं है तो उसे इस कदम के बारे में सोचना चाहिए। मर्दों के साथ होता है यह है कि उनके पास बहुत सारे और भी काम है ध्यान भटकाने के लिए।
लेकिन महिलाएं तो घर में होती हैं बच्चे संभाल रही होती या फिर वो अलग-अलग तरह की जिम्मेदारी उठा रही होती हैं। महिलाएं कितना त्याग करती चलती हैं, लेकिन त्याग की भी एक सीमा होनी चाहिए अगर उसके पास साथ देने के लिए परिवार हो, बहुत बेहतरीन दोस्त हूं और खुद के अंदर एक इच्छाशक्ति हो तो उसे इस तरीके की शादी से निकल जाना चाहिए।
अपनी बातों को और समझाते हुए अनिल कहते हैं कि मैं अपनी बेटियों से भी बात करता हूं और आसपास देखता हूं। मुझे तो लगता है कि आज के समय में शादी करने की जो ललक है वह लड़कों में ज्यादा है, लड़कियों में कम है। अपनी बेटियों से जब बात करता था तो समझ में आता था कि वह शादी करना चाहती है। लड़कियां भी जानती हैं कि कब शादी करनी है, लेकिन वह अपने हिसाब से और अपनी शर्तों पर शादी करना चाहती हैं। पहले जैसा नहीं है कि एक लड़की के लिए जगह-जगह पर लड़के ढूंढे जा रहे हैं। अब तो लड़के पूछते हैं, कोई लड़की है अच्छी सी जिससे शादी की जा सके।
आप तो अपनी निजी जिंदगी में भी एक नन्हे से मेहमान को जुग जुग जीयो कहने के लिए तैयार है।
हां, मैं बहुत खुश हुआ हूं। बहुत अच्छी लगी खबर जब यह पहली बार मैंने सुनी। हालांकि मैं अभी सिर्फ इंतजार ही कर रहा हूं। कहते हैं ना जब सच में यह चीज आपके साथ घटेगी तभी आपको समझ में आएगा का ऐसी असली फीलिंग कैसी होगी।
आपको क्या लगता है सोनम किस तरीके की मां बनेगी, कोई टिप देना चाहेंगे?
टिप्स देने के लिए मैं सही इंसान नहीं हूं और जहां तक लगता है सोनम की मां बनने का तो मैं सिर्फ इतना कहता हूं कि अपनी पत्नी सुनीता से बात करते हुए कई बार मुझे लगा कि आज के जमाने में जितनी भी माएं हैं, वह बहुत ज्यादा ओवरप्रोटेक्टिव हो जा रही है। इतना भी ज्यादा मत सोचिए। इतना भी ज्यादा पीछे मत पड़ो बच्चे के। हमारा समय था हम घूम रहे हैं, भटक रहे हैं पांव में चप्पल है या नहीं हमारी मां को इस बात की परेशानी नहीं होती थी क्योंकि वो कहती थीं ठीक है आस पास होगा घूमते फिरते घर लौट कर आ ही जाएगा मेरे हिसाब से वह चीज आजकल की मां में कहीं खो सी गई है। वह बच्चे को बहुत चिपका कर अपने पास रखती हैं और ऐसा करना मुझे लगता है ये बहुत सही नहीं हो सकता।