Kartik Aaryan Exculsive Interview : फिल्म 'चंदू चैंपियन' मेरी जिंदगी में अपने करियर का एक टर्निंग प्वाइंट है। इस फिल्म के रिलीज होने के पहले ही मैं आप लोगों को बता देना चाहता हूं कि इसने मुझे पूरी तरीके से बदल कर रख दिया। किस तरीके से फिल्म को देखता था, कैसे स्क्रिप्ट पड़ता था, कैसे उसको अपने दिमाग में फिट किया करता था और किस तरीके से फिल्मों को चुना करता था। वह जो सारी सोच थी, मेरी उसको बदल कर रख दिया।
इस फिल्म ने और साथ ही में जिस तरीके से मैंने अपने ऊपर काम करना शुरू किया है, उसने भी मुझे बहुत बदला है। मेरी लाइफ स्टाइल, दिनचर्या में बहुत सारा बदलाव आया है और मुझे लगता है कि यह बेहतरीन बदलाव रहा है मेरे लिए। इसलिए मैं आप लोगों को पहले ही बता दे रहा हूं कि मेरी फिल्म रिलीज हो रही है। उसके पहले से मैं जान गया हूं कि यह फिल्म मेरे लिए टर्निंग प्वाइंट साबित होने वाली है।
यह कहना है 'चंदू चैंपियन' के जरिए लोगों के सामने आने वाले कार्तिक आर्यन का। कार्तिक यूं तो हमेशा कॉमेडी फिल्मों में अपना नाम बनाते रहे हैं कभी प्यार में टूटा हुआ इंसान बनकर तो कभी अपने प्यार के लिए लड़ने वाला इंसान बन कर लेकिन इस बार चंदू चैंपियन के लिए कार्तिक खुद मानते हैं यह फिल्म उनके करियर की एक बेहतरीन फिल्म रही है। फिल्मों के बारे में, अपने बारे में और इस फिल्म के सफर के बारे में कार्तिक ने मीडिया से बातचीत की।
आप एक ऐसे शख्स में है छोटे शहर से मुंबई जैसी बड़ी नगरी में आना। इंजीनियरिंग करते-करते फिल्मों की तरफ मोड़ना। फिर कॉमेडी फिल्में सत्य प्रेम की कथा और अब चंदू चैंपियन जैसी फिल्में करने के बाद आपको अपने आप से प्यार हुआ या नहीं हुआ?
अब मुझे अपने आप से प्यार हो उससे ज्यादा यह जरूरी हो गया है कि मुझे अपने क्राफ्ट से प्यार हो गया है। मैं जब भी कोई सीन देखता हूं और पढ़ता हूं तो ऐसा लगता है कि यह मुझे किस तरीके से किस टेक्नीक से निभाना है। कबीर भी जब मुझसे इस बारे में बातचीत कर रहे थे तो मैंने उनसे एक सवाल यह पूछा कि क्या यह सच में हुआ है क्योंकि इसके पहले कभी भी ऐसे किसी शख्स के बारे में जाना या पढ़ाई नहीं था।
तब कबीर सर ने कहा कि ऐसा हुआ है तब मुझे बहुत आश्चर्य मुझे बहुत अच्छा लगा। कोई भी फिल्म मेरे पास अगर लेकर आते हैं तब इसमें देखता हूं और फिर सोचता हूं कि क्या यह पर्दे पर मैं देखना चाहूंगा और जब जवाब हां में आ जाता है तो मैं वह फिल्म कर लेता हूं।
आप चंदू चैंपियन यानी मुरलीधर जी से अपने आप को कितना रिलेट कर पाते हैं।
मैं बहुत ज्यादा रिलेट कर पाता हूं क्योंकि मैं खुद भी वैसा ही हूं। मुरलीधर जी कैसे थे ना उनकी एक लाइन जो हमने फिल्में भी रखी है कि और मैनपुर रिफ्यूज़्स टू गिव अप। मैं भी वैसा ही हूं। मुझे ऐसा लगता है कि जब तक आपने लक्ष्य है और उसका पहुंच भी जाता है तब तक एकाग्र चित्त होकर उसी के पीछे भागते रहिए।
एक न एक दिन तो मिल ही जाएगा और मुरलीधर जी कभी ऐसा ही रहा है। सच कहूं तो ऐसे लोग बहुत ज्यादा प्रेरणादायक होते हैं जो अपने सपने को पूरा करने के लिए हर मुमकिन कोशिश करते हैं जो वह कर सकते हैं एक घोड़े के आसपास ब्लिंकर लगा दिए जाते हैं ना कि आप उसी दिशा में बढ़ते रहें। वह देखकर मुझे बहुत अच्छा लगता है।
निर्माता साजिद ने आपको बड़ी बेहतरीन फिल्में दी है जिसमें आपने अपने आप को पूरा बदल कर रख लिया। अब वही आपको बोले की अगली फिल्म के लिए आपको बहुत मोटा होना है तो तैयार हैं आप
बिल्कुल नहीं। मैं अब किसी भी हालत में मोटा नहीं होना चाहता हूं। मैं अपनी पुरानी फिल्मों को देखता हूं तो ऐसा लगता है कि अरे मुझे इतने मोटापे में भी लोग पसंद कर लिया कर लेते थे। थोड़ा आश्चर्य होता है। फ्रेडी में मेरे कुछ एक पिक्चर्स है। आप देखिए मैं कितना मोटा लग रहा हूं। इस बार जब मैं चंदू चैंपियन के लिए अपने आपको तैयार कर रहा था तो एक साल मैंने कुछ इधर देखा नहीं ना उधर देखा सीधे घर से जिम और जिम से घर यही काम करता। जब आज अपने आप में बदलाव देखता हूं तो बड़ा आश्चर्य में पड़ जाता हूं कि मैं इतना दुबला भी हो सकता था।
मैंने खाने पीने के लिए भी कई कटौती की। चावल रोटी तो बिल्कुल नहीं खाई। चावल की जगह कॉली राइस ने ले ली। यानी गोभी वाले चावल और अब मुझे वही पसंद आता है। और हुआ क्या इस पूरे समय में मेरे पास इतना समय रहा कि मैंने अपने आपके बारे में बहुत सोचा। बहुत गहराई से सूझबूझ से बातों को परखने का भी समय मिला। अब तो कुछ भी हो जाए मैं किसी भी हालत में किसी भी फिल्म के लिए मोटा नहीं होने वाला हूं।
आप एक यूथ आइकॉन है। देश में नई सरकार भी आ रही है। ऐसे में आप क्या सोचते हैं? देश को अब अगले कुछ सालों में आप कहां देखना चाहते हैं?
हमें देश की सबसे अच्छी बात है किस इस दुनिया के सबसे ज्यादा युवा अगर कहीं पाए जाते हैं तो वह हमारे देश में पाए जाते हैं। पूरी जवान पीढ़ी है जो लोगों के सामने हैं। मुझे लगता है अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह बात पूरी दुनिया में जानी चाहिए कि हम क्या सोचते हैं हम कितने नए तरीकों से जिंदगी को आगे बढ़ाना चाहते हैं। वर्ना देखिए ना इस दुनिया में कई देश ऐसे भी हैं जिनके पास युवा ही नहीं है, लेकिन हमारे पास युवा है, युवा शक्ति है तभी तो कई सारे युवा मिलकर नए स्टार्टअप शुरू भी करते हैं। वह एनर्जी डालते हैं, वह सोच डालते हैं। और मुझे लगता है अगले कई सालों तक मैं अपने देश में युवाओं को आगे बढ़ता हुआ देखना चाहता हूं।