मुझे हमेशा फैमिली ड्रामा फिल्में बहुत पसंद आई हैं। मैं इन फिल्मों के बीच में ही बड़ी हुई हूं। जब 'जुग जुग जियो' ऑफर हुई तो यह फिल्म करना ही है ऐसा दिल ने कहा। मुझे लगता है कि आज के लोगों को ऐसी ही फिल्म देखना है। यह एक खुशहाल फिल्म है, जिसमें सकारात्मक सोच को दिखाया गया है। परेशानियां भी हैं जो हल हो जाती हैं। जुग जुग जियो का ट्रेलर तो कुछ भी नहीं है, जब आप पूरी फिल्म देखेंगे तो परत दर परत इस की गहराइयां आपको समझ आएंगी।- यह कहना है कियारा आडवाणी का जो 'जुग जुग जियो' फिल्म के प्रमोशनल इंटरव्यू के दौरान पत्रकारों से रूबरू हुईं।
फिल्म इंडस्ट्री में 8 साल पूरे कर चुकीं कियारा ने पत्रकारों को बताया, "मेरा बॉलीवुड में डेब्यू हिट फिल्म के साथ नहीं हुआ था, लेकिन मुझे किसी ने बताया कि आपको बॉलीवुड में बने रहने के लिए हर बार हिट फिल्म मिले ऐसा जरूरी नहीं है। मैं शायद लकी हूं कि मुझे एक के बाद एक फिल्में मिलती गईं। मैंने ऐसा नहीं सोचा था कि मेरा हर रोल दूसरे रोल से अलग हो, लेकिन मुझे हर बार अलग किस्म के रोल मिलते गए और मैं उन्हें निभाती चली गई।
'कबीर सिंह' आई, उसके दो-तीन महीनों 'गुड न्यूज़' आई, फिर 'शेरशाह' और 'भूल भुलैया 2' आईं और अब 'जुग जुग जियो' फिल्म के साथ लोगों के सामने आ रही हूं। मुझे लगता है कि मैं भाग्यशाली हूं जो मुझे अपनी कला का प्रदर्शन करने का मौका बार-बार मिलता रहा है।
अरे... वह तो हमारे सेट पर सबसे युवा कलाकार थे। उनकी एनर्जी देख हमें अचरज होता था। सेट पर आने से पहले उन्हें सारे संवाद और डिटेल्स मालूम रहते थे। जब हम आपस में रिहर्सल भी करते थे तो भी वह नहीं रुकते थे। वे कहते थे कि चलो इसे अलग तरीके से कर के देखते हैं, शायद कुछ अलग फ्लेवर मिले इस सीन को। वह इतने समय से फिल्म इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं। उनका एक्सपीरियंस देख लो, उनका काम करने का तरीका देख लो, उनके काम करने का माद्दा देख लो, आप चकित हो जाते हैं। मैं तो यह सोचने लगी थी कि कभी इतना लंबा मेरा करियर चला तो इतने सालों बाद क्या मैं भी अनिल कपूर जैसी रहूंगी या थक जाऊंगी?
नीतू जी तो तब से काम कर रही हैं जब वह खुद एक छोटी सी बच्ची हुआ करती थी। आज जब उनके साथ काम करते हो तो लगता ही नहीं कि उन्होंने वर्षों से कैमरा फेस नहीं किया है। उनके अंदर इतना ममत्व है कि आप जब उनके पास में बैठे हों तो बतौर अभिनेत्री आपको बहुत अच्छा लगता है। आप की जितनी भी इनसिक्योरिटीज होती वह सब दूर भाग जाती है। फिल्म में मेरा एक फेवरेट सीन हैं, नीतू जी के साथ। हम लोग सुबह 6 बजे के शूटिंग कर रहे थे। लोकेशन सुंदर थी, लेकिन हमें समय को ध्यान में रख कर शूट करना था। ठंड इतनी थी कि हमारे हाथ जम गए, लेकिन नीतू जी ने शॉट देना शुरू किया, तब इनकी हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी। बहुत लंबा मोनोलॉग था, लेकिन उनको सारे शब्द याद थे। कहीं भी चूक नहीं हो रही थी। मुझे याद है कि जैसे ही सीन खत्म हुआ हम दोनों की आंखों में आंसू थे। वह ऐसा मोमेंट है जब मुझे नीतू जी के साथ बहुत ही अच्छा लगा है। इस बात की तो मुझे तसल्ली है कि जब लोग मेरा और नीतू जी का यह सीन देखेंगे तो जो मर्द हैं या लड़के हैं, उन्हें बातों की गहराई समझ में आएंगी। और, जो महिलाएं हैं उन्हें यह सीन अंदर तक हिला कर रख देगा। 'जुग जुग जियो' में हम दोनों का रिश्ता सास बहू का है।
वरुण और मुझे नासमझी के लिए पड़ती थी डांट
'जुग जुग जियो' में वरुण और मेरा एक सीन बहुत ही इमोशनल है। फिल्म में हम दोनों आपस में बहुत अच्छे दोस्त थे, शादी हो गई लेकिन अब शादी होने के बाद रिश्तो में बहुत ज्यादा गाठें हैं। रिश्ते होते ही ऐसे पेचीदा कि उसे हर बार समझाया भी नहीं जा सकता। उस जटिलता को लाने की कोशिश की गई है जहां पर हम एक दूसरे से लड़ रहे होते हैं। जब लोग यह सीन देख रहे होंगे तो मन ही मन सोचेंगे कि हां भाई, यह सब तो हमारे साथ पहले ही हो चुका है। जहां तक ऑफ स्क्रीन की बात मैं वरुण के लिए कहूं तो हम दोनों की जो दोस्ती है, वह नासमझ बच्चों जैसी है। हम सीन में बड़े ही सीरियस हों, लेकिन जैसे ही सीन खत्म हुआ, हमारे हंसी ठहाके शुरू हो जाते थे। निर्देशक राज हमें डांट दिया करते थे कि ऑनस्क्रीन तुम लोग ऐसे बच्चे नहीं हो, अपने कैरेक्टर में रहो। ऑनस्क्रीन तुम दोनों की शादी हो चुकी है। शादी में उतार-चढ़ाव आ चुके हैं। अब तुम वो कपल हो जिसका बहुत ही जल्द डिवोर्स भी हो जाएगा।