"मैंने हमेशा अपने दिल की ही बात सुनी है। जब भी मैंने दिल की नहीं मानी, कम से कम फ़िल्मों के चयन के बारे में बोल सकता हूँ, तो वो फिल्म मेरे लिए काम की नहीं रही या सफल नहीं रही। ऐसा नहीं है कि मैं निर्णय लेते समय दिमाग का बात नहीं मानता, लेकिन मैं दिल की बात को तवज्जो देता हूँ।"
लव सेक्स और धोखा, काई वो छे और स्त्री जैसी एक के बाद एक उम्दा फ़िल्में करने वाले राजकुमार राव इस दमदार अभिनेता के रूप में दर्शकों ने खुल कर स्वीकारा है। हाल ही में उनकी मूवी 'एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा' रिलीज हुई है। उनसे बात कर रही हैं वेबदुनिया संवाददाता रूना आशीष।
फन्ने खान के बाद आपने अनिल कपूर के साथ 'एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा' में फिर से अनिल कपूर के साथ काम किया है। कैसा रहा तजुर्बा उनके साथ काम करने का?
वह जोशीले हैं। काम करने को ले कर आज भी उनका जज़्बा देखना चाहिए। वह गर्मजोशी से मिलते हैं और मुझे किसी दोस्त की तरह ट्रीट करते हैं।
चलिए, आपमें कितना जोश बरक़रार है, लव सेक्स एंड धोखा से ले कर अब तक?
जोश और जज़्बा अब और बढ़ गया है। मुझे लगता है मेरी समझ और बढ़ गई है। उस समय तो नया था। पहली फिल्म थी तो जो आया वो सब अपने रोल में झोंक दिया, लेकिन अब समय के साथ समझ आ गई है। आप अपने काम के सफर में कई लोगों से मिलते हैं। आप उनसे कई बातें सीखते और समझते हैं, तो जोश तो हर फिल्म के साथ बढ़ता ही जा रहा है।
फिल्म में सेक्शुआलिटी की बात कही गई है। आपको लगता है बी या सी क्लास टाउन में इसे स्वीकारा जाएगा?
मुझे लगता नहीं कोई दिक्कत आएगी। फिर फिल्म में सिर्फ यही नहीं है। आप फिल्म देखेंगे तो पाएंगे कि इसमें कई ऐसी बातें हैं जो आपको फिल्म देखने के बाद भी याद रहने वाली हैं।
फिल्म के टायटल के हिसाब से आपको कभी किसी लड़की को देखा वाला मोमेंट हुआ?
बहुत सारों से साथ हुआ। पहली बार जब मैं कक्षा 10 में था तो उसे देख कर कुछ हुआ था। फिर जब जूही चावला को यस बॉस में देखा तो तब लगा था ऐसी ही चुलबुली से प्यारी सी लड़की हमें भी मिल जाए तो क्या बात होगी।
आपने कभी एक्शन फिल्म करने की बात सोची है?
बात एक्शन फिल्म की है मुझे अच्छी स्क्रिप्ट और बेहतरीन रोल मिले तो क्यों नहीं करूंगा?