Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

जिंदगी ऐसे जियो जैसे आज ही आखिरी दिन हो : सैफ अली खान

हमें फॉलो करें जिंदगी ऐसे जियो जैसे आज ही आखिरी दिन हो : सैफ अली खान

रूना आशीष

मैंने अपनी जिंदगी हमेशा ऐसे जी है, जैसे कि आज ही मेरी जिंदगी का आखिरी दिन है। लेकिन मैंने ये भी ध्यान रखा कि आने वाला कल शायद आखिरी न भी हो। मेरी जिंदगी कल के बाद शायद और 30 साल तक रहे। आप जिंदगी को खूब जियो लेकिन अपनी बैंक में हमेशा इतना पैसा रखो कि लाइफ का बैलेंस बना रहे।
 
ये कहना है फिल्म 'कलाकांडी' के हीरो सैफ अली खान का, जो आगे बताते हुए कहते हैं कि अपनी उम्र का ध्यान रखना चाहिए। आपको ये मालूम होना चाहिए कि कहां जाकर रुकना होगा। थोड़ी-सी वाइन पीना कोई गलत नहीं है लेकिन जब मालूम हो कि यहां रुक जाते हैं, वर्ना अगले दिन बीमार पड़ेंगे तो वहीं रुक जाओ। ये समझो कि क्या नहीं करना है? ये ही जिंदगी जीने का तरीका होता है।
 
ये बातें अनुभव की बोली लग रही है या उम्र कहलवा रही हैं ये बातें?
दोनों ही बातें हैं। जब आप जवान होते हैं तो किसी बात से कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन अब बड़े हो जाने से कई बातें समझ में आने लगती हैं।
 
'कालाकांडी' में दिखाया था कि आपको कैंसर हो गया है। असल में आप कुछ साल पहले तक चेन स्मोकर थे। क्या करीना ने आदत से निजात दिलाई?
नहीं, करीना के लाइफ में आने से पहले मैं चेन स्मोकर था। लेकिन उससे मिलने के कई साल पहले मैंने ये बुरी आदत छोड़ दी थी। इस आदत को छोड़ने का कारण कोई बना है तो वो है मेरे डॉक्टर जिन्होंने कह दिया था कि अगर अब मैंने स्मोक करना नहीं छोड़ा तो मैं मर जाऊंगा।
 
आपके पिता इतने बड़े क्रिकेटर रह चुके हैं फिर आपने क्रिकेट को करियर बनाने की नहीं सोची?
मैंने खेला है क्रिकेट अपने स्कूल में, फिर कॉलेज में भी खेला। मेरे पिता ने कभी भी मुझ पर कोई दबाव नहीं डाला कि मैं क्रिकेटर ही बनूं। वे बहुत ही समझदार शख्स थे। मुझ पर किसी काम के लिए दबाव नहीं डालते थे।
 
फिर एक्टिंग कैसे चुन ली?
मुझे एक्टर बनने का भी कोई शौक नहीं था। जब कॉलेज के बाद भी कुछ करने के लिए मन नहीं बना पाया तो लगा चलो एक्टिंग करते हैं। दिल्ली छोड़ेंगे, मुंबई में रहेंगे और स्ट्रगल करेंगे। बड़ा रोमांचक लग रहा था उस समय ये सब। मजा आएगा।
 
तो मजा आया?
बड़ा मजेदार था। एक फ्लैट लिया था। हम तो सत्या के पास जिम भी जाते थे बारेब्रियन जिम। हमारे आपस में दोस्त भी थे। मजेदार था सब। हम लोग आपस में एक-दूसरे की मदद भी करते थे। जैसे आपस में बताते थे कि फलां निर्माता या निर्देशक एक्टर देख रहे हैं। मेरा नहीं हुआ तुम ट्राय कर लो, शायद तुम्हारा हो जाए। वैसे भी मुंबई जवां लोगों का शहर है। इस शहर की अपनी एक एनर्जी है। हम लोग अब बड़े हो गए हैं और सफल भी हैं।
 
कौन से दोस्त हैं वो?
मुझे आज भी याद है। मेरे दोस्त दिलीप सिंह राठौर और मनु गार्गी एक हुआ करते थे। अब दोनों लॉस एंजिल्स में हैं। वहां जाकर लाइन प्रोड्यूसर बन गए हैं। दोनों एक्टिंग करने आए थे। हम लोग एक्टिंग क्लासेस भी साथ जाते थे। एक मुंबई ऐसा भी है। अच्छे दिन थे वो। आज भी याद है कि मेरा पहला पे चेक 20 हजार रुपए का था।
 
आपके करियर को 25 साल हो गए, तब तो आपको नहीं लगा होगा कि आप इतनी लंबी पारी खेल भी जाएंगे?
मुझे तो उस समय में बोला गया था कि 40 साल के होते ही पैकअप हो जाता है, फिर सब हो गया। लेकिन सच कहूं तो एक्टिंग करना तो पिछली कुछ फिल्मों से आया है, जैसे 'रंगून' या 'शेफ' या 'कलाकांडी'। पहले से बेहतर परफॉर्मेंस निकलकर आ रही है मेरी।
 
अब तो नई फिल्म बाजार भी है?
हां वो एक कमर्शियल फिल्म है। इसमें रोल कुछ ग्रे शेड लिए है। इंट्रेस्टिंग है ये किरदार भी। लेकिन मैं थोड़ा खतरनाक किस्म का शख्स बना हुआ हूं बाजार में।
 
आपने सारा को कोई टिप्स दिए?
मैंने उन्हें बहुत सारे टिप्स दिए। ये ही कहा कि किसी की तरह बनने की कोशिश मत करना, अपनी तरह ही रहो। वैसे भी सारा बहुत टैलेंटेड स्टूडेंट रही है। हमेशा क्लास में आगे रही है। मुझे लगता है कि वो फिल्मों में भी अच्छा काम करेगी। उसे हमेशा से एक्टिंग ही करनी थी और वो आज वही कर रही है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

सनी लियोन 2017 की सबसे सेक्सी एक्ट्रेस, प्रियंका-दीपिका से आगे उर्वशी