Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

प्राण के बारे में 40 रोचक जानकारियां

12 फरवरी : जन्मदिन विशेष

हमें फॉलो करें प्राण के बारे में 40 रोचक जानकारियां

समय ताम्रकर

1) प्राण अपने बुरे किरदारों को इतना डूब कर निभाते थे कि बरसों तक किसी मां ने अपने बेटे का नाम प्राण रखना पसंद नहीं किया। 
2) 12 फरवरी 1920 को जन्मे प्राण अपनी मां के लाड़ले थे क्योंकि उनके पिता सरकारी कॉन्ट्रेक्टर थे और अक्सर दौरे पर रहा करते थे। 
3) प्राण का मन कभी पढ़ाई में नहीं लगा, लेकिन उन्होंने ये ठान लिया था कि कुछ खास करना है। मैट्रिक के बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी। 
4) युवावस्था में प्राण ने अपने फोटोग्राफी के शौक के कारण दिल्ली और शिमला के एक स्टूडियो में नौकरी की और फिर लाहौर चले गए। 
5) छठी क्लास से ही उन्हें सिगरेट पीने का चस्का लग गया। सिगरेट उनका पहला प्यार था।  
6) सिगरेट का यह शौक ही उनका फिल्म लाइन में प्रवेश का द्वार साबित हुआ। 
7) पान की दुकान पर सिगरेट लेने गए प्राण की मुलाकात पटकथा-लेखक मोहम्मद वली से हुई। प्राण को देखते ही वली को लगा कि उन्हें अपनी लिखी कहानी का एक चरित्र मिल गया। 
8) वली के कहने पर ही प्राण ने पंजाबी फिल्म ‘यमला जट’ से अपना करियर शुरू किया। 
9) मोहम्मद वली को ताउम्र प्राण ने अपना गुरु और पथ प्रदर्शक माना। 
10) यमला जट फिल्म में काम करने के बदले उन्हें पचास रुपये प्रतिमाह मिलते थे।

webdunia
 

11) प्राण की दूसरी फिल्म ‘खानदान’ सुपरहिट रही, लेकिन हीरो बनना उन्हें अच्छा नहीं लगता था। वे कहते थे कि बारिश में भीग कर गाने गाना या पेड़ों के इर्दगिर्द चक्कर लगाना उन्हें नहीं जमता था। 
12) आजादी के बाद प्राण ने मुंबई का रुख किया और फिल्मों में काम पाने के लिए उन्हें कड़ा संघर्ष करना पड़ा। हालत यह हो गई कि पत्नी के गहने तक बेचने पड़े। 
13) प्राण धीरे-धीरे खलनायक के रूप में फिल्म इंडस्ट्री में छा गए। हालत ये हो गई कि लोग उन्हें देखते ही बदमाश, लफंगे, गुंडे और हरामी कहा करते थे। बच्चे और महिलाएं उन्हें देख छिप जाया करते थे। 
14) मनोज कुमार की ‘शहीद’ और ‘उपकार’ ने प्राण की इमेज में काफी बदलाव किया और उसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में सकारात्मक रोल निभाए। 
15) जंजीर फिल्म में अमिताभ और प्राण पर थाने का सीन फिल्माया गया। अमिताभ की प्राण ने हौसला अफजाई की और उसके बाद अमिताभ ने कमाल का शॉट दिया। फिल्म के निर्देशक प्रकाश मेहरा को एक कोने में ले जाकर प्राण ने कहा कि बॉलीवुड को एक बड़ा कलाकार मिल गया है। 
16) विक्टोरिया नं. 203, धर्मा जैसी कई फिल्में प्राण के बलबूते पर चली। उनमें हीरो-हीरोइन थे, मगर गौण थे। 
17) आवाज के उतार-चढ़ाव को प्राण अभिनय का सबसे अहम हिस्सा मानते थे। 
18) प्राण के घर एक लाल तांगा था, जिसे दौड़ाकर वे खुद को बड़ा रोमांचित महसूस करते थे। तांगे के जलने के बाद वे कई दिनों तक रोये। 
19) अपने किरदारों में जान डालने के लिए प्राण को अपनी वेशभूषा और गेटअप के साथ प्रयोग करना बेहद पसंद रहा। प्राण ने फिल्मों में जो विभिन्न किरदार निभाए थे, उन चरित्र वाले चित्रों से उनका घर भरा हुआ है। 
20) लगातार विलेन बन जब प्राण बोर होने लगे तो उन्होंने अपने बुरे किरदारों को कॉमिक टच देना शुरू किया।

webdunia
 

21) रावण प्राण का पसंदीदा चरित्र था।  
22) प्राण ने किसी की नकल नहीं की। वे आम आदमी को बारीकी से देखते और फिर अपने अभिनय ने उस हाव-भाव को इस्तेमाल करते थे।  
23) राजनीति और नेताओं से प्राण को चिढ़ थी।  
24) प्राण का कहना था कि अगले जन्म में भी वे प्राण ही बनना चाहेंगे। 
25) शूटिंग के दौरान सेट पर वे सबसे पहले पहुंचते और पैक होने के बाद ही लौटते। 
26) प्राण द्वारा बोले गए कई मशहूर संवाद उनके ही दिमाग की उपज थी।  
27) परदे पर प्राण को दिलीप कुमार और धर्मेन्द्र से मार खाना पसंद था क्योंकि वे इन दोनों हीरो को शेर मानते थे। 
28) दिलीप कुमार और प्राण बेहद अच्छे दोस्त थे। दिलीप की शादी में हिस्सा लेने वे कश्मीर से मुंबई पहुंचे थे। 
29) परदे पर क्रूर और बुरे आदमी का किरदार निभाने वाले प्राण निजी जिंदगी में बेहद भले और संवेदनशील इंसान थे। गरीब, बेसहारा और अनाथों की उन्होंने हमेशा मदद की। 
30) प्राण पर फिल्माए गए कई गीत सु‍परहिट रहे। मन्ना डे की आवाज उन पर खूब जमी।

webdunia
 

31) प्राण अपनी फिल्में कभी नहीं देखते थे। उनकी नजर में यह समय की बर्बादी था।
32) प्राण का मानना है कि खलनायक के कारण नायक जाना जाता है। जैसे कंस से कृष्ण और रावण से राम।
33) प्राण की नजर में आजकल के खलनायक लाउड, ओवर एक्टिंग और विलेन की तरह होते हैं। उन्हें हीरो जैसा होना चाहिए।
34) परेश रावल, प्राण को पसंद थे। दक्षिण के शिवाजी गणेशन उनके फेवरिट रहे।
35) मेहबूब खान तथा वी. शांताराम के साथ काम न करने का प्राण को अफसोस रहा।
36) प्राण की नजर में उनका सबसे कठिन रोल फिल्म 'परिचय' (1972) में जीतेंद्र-जया भादुड़ी के दादाजी की भूमिका रही।
37) सबसे कीमती उपहार प्राण को सितंबर 2004 में मिला, जब उनकी पोती ने बेटे को जन्म दिया और उसका नाम रखा-अमर प्राण।
38) प्राण ने साढ़े तीन सौ से ज्यदा फिल्मों में काम किया और ज्यादातर फिल्मों में उनका नाम कलाकारों की सूची में आखिर में बड़े अक्षरों में लिखा आता था- ‘और प्राण’। 
39) अमिताभ और प्राण ने 14 फिल्मों में साथ काम किया और जंजीर, कसौटी, मजबूर जैसी कुछ फिल्मों में अमिताभ से ज्यादा पारिश्रमिक प्राण को मिला था। कई हीरो के मुकाबले प्राण को फिल्म में काम करने के बदले में ज्यादा पैसे मिलते थे। 
40) हिंदी सिनेमा में फैले प्राण के छ: दशक लंबे करियर के कारण उन्हें ‘विलेन ऑफ मिलेनियम’ कहा जाता है।

हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Amitabh Bachchan ने शेयर की लता मंगेशकर और आशा भोसले की बचपन की तस्‍वीर, फैंस ने कहा- So cute