2020 भले ही सिनेमाघरों और फिल्मों के लिए बुरा रहा, लेकिन ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए बहुत शानदार रहा। कोरोनावायरस के कारण लोगों ज्यादातर समय घरों में ही रहे और उनके मनोरंजन की खुराक को ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने पूरा किया। आमतौर पर फिल्म देखने वालों के लिए वेबसीरिज देखना एक नया और अनोखा अनुभव रहा। हिट-फ्लॉप के पैमाने से परे होने के कारण वेबसीरिज फॉर्मूलाबद्ध नजर नहीं आई और इसके मेकर्स ने आजादी के साथ विषय, प्रस्तुतिकरण और अभिनय के नए आयाम पेश किए। एक नई तरह की ग्रामर इसमें देखने को मिली और दर्शकों ने भी इन सीरिज को हाथों-हाथ लिया। कई वेबसीरिज बनीं और दिखाई गई जिनमें कूड़ा-करकट भी नजर आया, लेकिन चॉइस दर्शकों के हाथों में थी इसलिए उसने अपनी इच्छानुसार वेबसीरिज का चयन किया। यहां पेश हैं 2020 की दस वो वेबसीरिज जो चर्चित रहीं।
आश्रम
प्रकाश झा की इस सीरिज के दो सीज़न देखने को मिले। चूंकि यह एमएक्स प्लेयर पर मुफ्त में उपलब्ध थी, इसलिए इसे रिकॉर्ड तोड़ दर्शकों ने देखा। धर्म की आड़ में क्या-कुछ चलता है इसे दिखाया गया। बॉबी देओल के करियर के लिए इस सीरिज ने संजीवनी का काम किया।
मिर्जापुर 2
मिर्जापुर की कामयाबी के बाद कालीन भैय्या, मुन्ना भैया घरेलू नाम बन गए। मिर्जापुर 2 में इसे भुनाया गया। किस तरह से शहर को एक अपराधी अपनी तरह से समानांतर सरकार बना कर चलाता है और राजनीतिक, प्रशासनिक व्यवस्थाएं भ्रष्ट होकर चरमरा जाती हैं यह मिर्जापुर 2 में देखने को मिलता है। शहर संभालने वाले मुन्ना भैया घर की व्यवस्थाएं नहीं संभाल पाते और स्थितियां उनके हाथ से बाहर निकल जाती है। मिर्जापुर जैसा तो इसे पसंद नहीं किया गया, लेकिन दर्शक खूब मिले।
स्पेशल ऑप्स
गुप्तचर एजेंसियों पर फिल्म बनाना नीरज पांडे को पसंद रहा है और वेबसीरिज में भी वे अपने प्रिय विषय के इर्दगिर्द रहे। एक स्पेशल ऑपरेशन को किस तरह से अंजाम दिया गया है वो इस सीरिज में भरपूर रोमांच के साथ दिखाया गया। यह सीरिज सभी दर्शक वर्ग में बेहद पसंद की गई।
आर्या
लंबे समय बाद खूबसूरत फिल्म तारिका सुष्मिता सेन कैमरे के सामने नजर आईं। एक घरेलू महिला अपने पति की हत्या के बाद किस तरह से उसके व्यवसाय को अपने हाथों में लेकर अपराधियों से दो-दो हाथ करती है यह देखना किसी थ्रिलर से कम नहीं रहा। सस्पेंस और रोमांच का तानाबाना खूब बुना गया।
पाताल लोक
उत्तरी भारत में किस तरह से भ्रष्टाचार और अपराध ने अपनी पैठ बना ली है इसका चित्रण पाताल लोक में नजर आता है जब एक छोटा पुलिस ऑफिसर मामले की तहकीकात करता है। कसी हुई कहानी और उम्दा प्रस्तुतिकरण के कारण पाताल लोक को सराहना मिली।
स्कैम 1992 : द हर्षद मेहता स्टोरी
हर्षद मेहता नामक शख्स ने वर्षों पहले शेयर बाजार में तूफान मचा दिया था और बहुत बड़ा घोटाला सामने आया था। उस घटना को लेकर यह सीरिज बनाई गई जो बहुत ठोस और यथार्थ के नजदीक है।
असुर
एक बच्चे के साथ किया गया दुर्व्यवहार और गलत व्याख्या उसे एक अपराधी बना देती है और किस तरह से वह अपनी तीक्ष्ण बुद्धि का गलत इस्तेमाल करती है यह असुर में दर्शाया गया है। सीरिज बांध कर रखती है।
फोर मोर शॉट्स प्लीज़ 2
चार महिलाओं की कहानी जो प्यार करती हैं, गलतियां करती हैं, जीवन के नए मायने खोजती हैं और बिंदास होकर मजा लेती हैं। मिलेनियल मुंबई की यह सीरिज टकीला शॉट्स जैसा मजा युवाओं को देती है।
बंदिश बैंडिट्स
ज्यादातर वेबसीरिज का विषय अपराध रहा, लेकिन बंदिश बैंडिट्स जैसी रोमांटिक-ड्रामा सीरिज ने भी सभी का ध्यान खींचा। शास्त्रीय संगीत का विद्यार्थी और पॉप सेंसेशन संगीत की दो अलग-अलग दुनिया से हैं और उनकी यह यात्रा मजेदार लगती है।
पंचायत
वेबसीरिज की भीड़ में पंचायत कुछ अलग-सी नजर आती है। एक इंजीनियर को अच्छी नौकरी नहीं मिलती तो वह उत्तर प्रदेश के देहात में पंचायत ऑफिस में काम कर लेता है। इसकी अनोखी कहानी ही इस सीरिज की यूएसपी है।