आमिर खान की मच अवेटेड फिल्म 'सितारे ज़मीन पर' आखिरकार सिनेमाघरों में आ गई है। इसे 2007 की प्यारी फिल्म 'तारे ज़मीन पर' का स्पिरिचुअल सीक्वल माना जा रहा है। फिल्म ने सिर्फ अपनी इमोशनल विरासत के लिए ही नहीं, बल्कि आमिर के उस फैसले के लिए भी जबरदस्त चर्चा बटोरी, जिसमें उन्होंने ओटीटी को छोड़कर थिएट्रिकल रिलीज का रास्ता चुना।
ये कदम बड़े पर्दे के अनुभव को दोबारा ज़िंदा करने और ऑडियंस को सिनेमाघरों तक लाने की कोशिश है, जिसे एक बड़ा रिस्क भी माना गया। ऐसे में बंगाली सुपरस्टार प्रोसेनजीत चटर्जी ने भी इस फैसले की अहमियत को माना है।
हाल ही में एक इंटरव्यू में प्रोसेनजीत चटर्जी ने आमिर खान के फैसले की तारीफ की। उन्होंने कहा कि बदलाव तो ज़रूरी हैं, लेकिन इतना बड़ा कदम सिर्फ कोई ऐसा ही ले सकता है जिसके पास आमिर जैसी समझ और अनुभव हो। उन्होंने कहा, वो रिस्क ले सकते हैं। वो सालों से इंडस्ट्री की सेवा कर रहे हैं और उन्हें ऑडियंस की नब्ज़ और उनकी संवेदनाएं अच्छी तरह समझ आती हैं।
प्रोसेनजीत चटर्जी ने उस दौर को याद किया जब थिएटर बिज़नेस को सीडी के बढ़ते चलन से नुकसान हो रहा था। उन्होंने कहा, मुझे याद है जब कंटेंट को सीधे सीडी कंपनियों को बेचा जाता था और इससे प्रोड्यूसर्स को अच्छा खासा पैसा मिल जाता था। लेकिन एक-दो साल बाद एहसास हुआ कि फिल्में कुछ ही दिनों में मार्केट में आ जाती हैं और थिएटरों का नुकसान हो रहा है।
उन्होंने कहा, तब मैंने सभी प्रोड्यूसर्स को मीटिंग के लिए बुलाया और हम सबने मिलकर फैसला लिया कि राइट्स तो बेचेंगे लेकिन थिएटर रिलीज़ के बाद कम से कम 9 से 12 हफ्ते का गैप ज़रूरी होगा। सभी प्रोड्यूसर्स साथ आए और धीरे-धीरे हालात कुछ हद तक बदले।
प्रोसेनजीत ने आमिर की तारीफ करते हुए कहा, तीन-चार हफ्तों में बंगाली और हिंदी फिल्में टीवी पर दिखने लगती थीं। फिर हमने फैसला किया कि इसे आठ हफ्तों बाद ही दिया जाएगा। थिएटर बिज़नेस और सिनेमा को बचाने के लिए इस तरह का सोच और रिस्क लेने वाला इंसान आमिर खान ही हो सकता है।
उन्होंने कहा, अब कुछ नहीं बदला है, फिल्म पहले ओटीटी पर आती है, फिर सैटेलाइट टीवी पर। ऐसे ही हम अपने भारतीय दर्शकों तक पहुंचते हैं। लेकिन चलिए देखते हैं आमिर की ये कोशिश (सिर्फ थिएटर में रिलीज़ वाला मॉडल) कैसे काम करती है, और मुझे उम्मीद है कि ये चलेगा।
आमिर खान प्रोडक्शंस के बैनर तले बनी 'सितारे जमीन पर' में आमिर खान और जेनेलिया देशमुख लीड रोल में हैं। फिल्म में 10 राइजिंग सितारे अरूष दत्ता, गोपी कृष्ण वर्मा, सम्वित देसाई, वेदांत शर्मा, आयुष भंसाली, आशीष पेंडसे, ऋषि शाहानी, ऋषभजैन, नमन मिश्रा और सिमरन मंगेशकर अहम रोल में हैं। फिल्म का निर्देशन आर.एस. प्रसन्ना ने किया है।