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सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन के कलाकार कुछ यूं मनाएंगे होली का त्योहार

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, गुरुवार, 17 मार्च 2022 (15:46 IST)
रंगों का त्यौहार होली करीब आ चुका है और ऐसे में सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन के कलाकार बता रहे हैं कि इस साल वो यह त्यौहार किस तरह मनाएंगे। उन्होंने होली से जुड़ीं अपनी सबसे खूबसूरत यादों का पिटारा भी खोल दिया। इस मौके पर कामना की चांदनी शर्मा एवं अभिषेक रावत, मोसे छल किए जाये की विधि पंड्या एवं विजयेंद्र कुमेरिया, दोस्ती अनोखी की इस्मीत कोहली एवं साहिल फुल्ल, पुण्यश्लोक अहिल्याबाई की ऐतशा संझगिरी एवं गौरव अमलानी और इंडियाज़ गॉट टैलेंट की इशिता विश्वकर्मा एवं ऋषभ चतुर्वेदी ने इस साल के अपने सेलिब्रेशन प्लान के बारे में बताया और अपने बचपन की कुछ खूबसूरत यादें भी ताजा कीं।

 
चांदनी शर्मा (कामना की आकांक्षा) ने कहा, साल का सबसे मस्त और रंग-बिरंगा मौसम आ चुका है। पिछले कुछ सालों से हम उसी तरह होली मनाने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, जैसे हम हमेशा मनाया करते थे। शुक्र है, इस साल हम एक बार फिर उन यादों के करीब होंगे। मैं अपने सभी दोस्तों और अपनी रील एवं रियल फैमिली के साथ मिलकर होली मनाने का इंतजार कर रही हूं। मेरी ओर से सभी दर्शकों एवं शुभचिंतकों को होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
 
अभिषेक रावत (कामना के मानव) बताते हैं, होली मेरा पसंदीदा त्यौहार है। मुझे इसे मनाने में बहुत मजा आता है और इससे मेरी कुछ सबसे खूबसूरत यादें जुड़ी हैं। मुझे याद है बचपन में हम गहरे रंगों से होली खेलते थे, लेकिन जब हम बड़े हुए तो हम ऐसे रंगों का इस्तेमाल करने लगे, जो पर्यावरण के लिए सुरक्षित हों। परंपरा के अनुसार, इस साल भी मैं अपनी बेटी के साथ रंगों का यह त्यौहार मनाऊंगा और उसके जरिए अपने बचपन में लौट जाऊंगा। मेरी ओर से सभी को सुरक्षित होली की शुभकामनाएं।
 
विधि पंड्या (मोसे छल किये जाए की सौम्या) कहती हैं, आइए त्यौहारों की शुरुआत की जाए! मैं और मेरे दोस्त होली सेलिब्रेशन पार्टी की प्लानिंग कर रहे हैं और मैं बहुत उत्साहित हूं। एक दूसरे के चेहरों पर चटख लेकिन प्राकृतिक रंग लगाना बड़ा मजेदार होगा, खास तौर पर इसलिए भी, क्योंकि ज्यादातर दिनों में तो हम एक दूसरे को बिल्कुल सजे-संवरे ही देखते हैं। होली खुशियों का त्यौहार है, इसलिए मेरी ओर से सभी को होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं लेकिन साथ ही मैं सभी से यह आग्रह करना चाहूंगी कि जानवरों के ऊपर रंग ना डालें क्योंकि यह उनके लिए नुकसानदायक होता है। मैं अपने सभी फैंस और शुभचिंतकों को सुखद एवं सुरक्षित होली की शुभकामनाएं देना चाहती हूं।
 
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विजयेंद्र कुमेरिया (मोसे छल किये जाए के अरमान) ने कहा, होली से बहुत सारे खूबसूरत पल जुड़े हुए हैं - हमने बहुत सारी मजेदार पार्टियों में भाग लिया और त्यौहार का रंग बिखेरने के लिए बहुत अच्छे सीक्वेंस की शूटिंग की है। अब भी इस त्यौहार की सबसे अच्छी यादें मेरे स्कूल के दिनों की ही हैं, जब हम क्लास के बाद स्कूल के दोस्तों के साथ होली खेलते थे। यह याद करके बहुत अच्छा लगता है कि हम पुराने कपड़े पहनकर होली खेलते थे और बाद में अच्छे कपड़े पहन लेते थे। इसमें कुछ भी नहीं बदला है, और मुझे वाकई उन खूबसूरत दिनों की याद आती है! इस बार हमने सेट पर सेलिब्रेट किया और मुझे उम्मीद है कि आप सभी होली के सीक्वेंस का उतना ही मज़ा लेंगे, जितना मज़ा हमें इसकी शूटिंग करते हुए आया।
 
इशिता विश्वकर्मा (इंडियाज़ गॉट टैलेंट की कंटेस्टेंट) अपनी खुशी जाहिर करते हुए बताती हैं, होली सबसे बड़े और सबसे जोशीले त्यौहारों में से एक है। होली की मस्ती और उल्लास की कोई सीमा नहीं होती। हर साल मैं अपने दोस्तों के घर पर जाती हूं और एक दूसरे पर रंग डालकर और पानी के गुब्बारे फेंककर यह त्यौहार मनाती हूं। इस बार मैं यहां मुंबई में इंडियाज़ गॉट टैलेंट के अपने परिवार के साथ यह त्यौहार मनाऊंगी और मुझे पूरन पूरी, कटाची आमटी, फिरनी और ऐसे ही कुछ स्पेशल महाराष्ट्रीयन पकवानों का स्वाद लेने का इंतजार है, जिससे इस रंग-बिरंगे त्यौहार का उत्साह और बढ़ गया है। मैं अपने सभी फैंस से कहना चाहूंगी कि वे सुरक्षित रहकर होली मनाएं और कृपया पानी बचाएं।
 
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ऋषभ चतुर्वेदी (इंडियाज़ गॉट टैलेंट के कंटेस्टेंट) बताते हैं, मुझे रंगों से बहुत प्यार है और होली एक ऐसा त्यौहार है, जहां आपको रंगों के साथ खेलने का मौका मिलता है। यह वो समय होता है जब हम बीती बातें भुलाकर प्यार और अपनेपन के साथ एक-दूसरे को गले लगाते हैं। होली से जुड़ीं मेरी कुछ खूबसूरत यादें तब की हैं, जब बचपन में हम होली पर ऐसे व्यवहार करते थे जैसे यह एक युद्ध हो, जहां निंजा सबको पानी के गुब्बारों से अटैक करता है। हम गुजिया और ठंडाई जैसे पारंपरिक पकवानों का जमकर लुत्फ उठाते थे। इस साल मैंने होली पर कुछ खास प्लान नहीं बनाया है, लेकिन मुझे यहां मुंबई में अपने इंडियाज़ गॉट टैलेंट परिवार के साथ होली मनाने का इंतजार है। मैं अपने सभी फैंस और दर्शकों से यह गुजारिश करना चाहूंगा कि वो पानी की बर्बादी ना करें। मेरी ओर से सभी को सुखद एवं सुरक्षित होली की शुभकामनाएं।
 
इस्मीत कोहली (दोस्ती अनोखी की पूर्वी) बताती हैं, मेरे लिए होली का मतलब है सेलिब्रेट करना और मन में ढेर सारी उम्मीदें लेकर आगे के साल का स्वागत करना। यह साल का वो समय है, जब मैं गुजिया जैसी मिठाइयों का आनंद लेती हूं। बचपन में हम सुबह जल्दी उठ जाते थे और अपने गुब्बारे भरकर सारा दिन कॉलोनी के दूसरे बच्चों के साथ खेलते थे। मुझे याद है कि हमारे रंग नहीं छूटते थे और फिर हमें अपनी क्लास टीचर से बातें सुननी पड़ती थी।
 
उन्होंने कहा, 'दोस्ती अनोखी' के कलाकारों के साथ मेरे लिए अब भी हर दिन एक सेलिब्रेशन होता है और मुझे खुशी है कि मैं उनके साथ रहती हूं और होली भी इससे अलग नहीं होगी। व्यक्तिगत तौर पर मैं प्राकृतिक रंगों से सूखी होली मनाने और पानी बर्बाद ना करने के पक्ष में रहती हूं लेकिन इस बार मैं सभी से यह गुजारिश भी करूंगी कि वे अपने घरों की सुरक्षा के लिए वर्चुअल रूप से होली खेलें।
 
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साहिल फुल्ल (दोस्ती अनोखी के काशी) कहते हैं, होली रंगों का त्यौहार है, और हम सभी के दिल में बसा हुआ है। यह हमारे बचपन की यादें ताजा कर देता है, लेकिन हम आज जो होली मनाते हैं वो उससे बहुत अलग है, जो हम बचपन में मनाते थे। मेरे दोस्तों के परिवार और रिश्तेदार घर आया करते थे और सभी हर तरह के रंगों से सराबोर रहते थे। हमारी पिचकारियां बड़ी जोरदार होती थी, जिस तरह फिल्मों में होती है, जहां पिचकारियों से ढेर सारे रंग उड़ते हैं। होली मुंबई में भी अलग होती है। उस समय हमारे पास प्राकृतिक रंग नहीं होते थे, लेकिन अब सुरक्षित और इको-फ्रेंडली रंग आ गए हैं, जिससे होली बड़ी शालीन हो गई है। 
 
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ऐतशा संझगिरी (पुण्यश्लोक अहिल्याबाई की अहिल्याबाई) ने अपना होली का अनुभव साझा किया। वो कहती हैं, मुझे लगता है कि मैं एक ऐसी इंसान हूं, जो देश का हर त्यौहार मनाती हूं। लेकिन होली के बारे में एक बात जो मुझे पसंद नहीं है, वह है पानी फेंकना, चाहे वो पानी के गुब्बारे हों या पिचकारी। यह एक ऐसी चीज है जो मेरे दिमाग में बचपन से ही थी। मुझे यह पसंद नहीं है क्योंकि यह किसी को नुकसान पहुंचाता है। लेकिन मुझे रंग लगाना बहुत पसंद है। जहां मैं रहती हूं वहां रंगपंचमी के दौरान हम सब एक साथ नीचे आते हैं और रंगों से खेलते हैं। 
 
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गौरव अमलानी (पुण्यश्लोक अहिल्याबाई के खंडेराव होल्कर) अपना होली का अनुभव बताते हुए कहते हैं, बचपन की सबसे अच्छी याद‌ तब की है, जब एक रात पहले मेरे पापा, मेरे भैया मेरे साथ, अगले दिन के लिए एक बड़ी बाल्टी भरकर पानी के गुब्बारे तैयार किया करते थे, और अगली सुबह जो भी सबसे पहले बिल्डिंग के बाहर आता था, वो गुब्बारों से भीग जाता था। बचपन में यह बड़ा मजेदार होता था, पहले गुब्बारों से खेलना, फिर रंगों से सराबोर हो जाना और सारा दिन रंगों से भीगे रहना और ढेर सारे व्यंजनों और मिठाइयों का स्वाद लेना। मुंबई में मेरी होली अलग रही है। यहां मैं आमतौर पर शूटिंग करता था और यह किसी भी आम दिन की तरह होता था। कभी-कभी मैं दोस्तों के यहां भी गया हूं लेकिन सच कहूं तो होली का अब वो मजा नहीं रहा। यह एक तरह से दोस्तों से मिलने-जुलने और बढ़िया खाने का मौका होता है। पिछले कुछ सालों से होली बड़ी सादगी से मनाई जाने लगी है। लेकिन यह अब भी मेरे सबसे पसंदीदा त्यौहारों में से एक है। होली पर मुझे सफेद कपड़े पहनना बहुत अच्छा लगता है। तो मूल रूप से अब यह मिलने-जुलने का दिन बन गया है।
 

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