Film Adipurush Controversy: ओम राउत की हालिया रिलीज फिल्म 'आदिपुरुष' को लेकर जमकर बवाल मचा हुआ है। इस फिल्म के भद्दे डायलॉग और किरदारों के खराब चित्रण पर लोग काफी नाराजगी जता रहे हैं। कई राज्यों में इस फिल्म को बैन करने की मांग की जा रही है। हालांकि विवादों को देखते हुए मेकर्स ने फिल्म के डायलॉग को बदल दिया है लेकिन इससे दर्शकों की नाराजगी कम नहीं हो रही है।
वहीं 'आदिपुरुष' पर रोक को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी एक याचिका दाखिल की गई है। जिसपर 26 जून को सुनवाई हुई। ये याचिका सोशल एक्टिविस्ट कुलदीप तिवारी और बंदना कुमार ने दाखिल की है। इस संशोधन याचिका में कहा गया है कि 'आदिपुरुष' फिल्म में महाकाव्य रामायण के किरदारों का चित्रण तोड़-मरोड़ के किया गया है और मनोज मुंतशिर द्वारा लिखे गए डायलॉग भी बेहद खराब है जो भारतीय सभ्यता से पूरी तरह अलग हैं।
खबरों के अनुसार इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस याचिका की सुनवाई के दौरान 'आदिपुरुष' के निर्माता-निर्देशक और सेंसर बोर्ड को जमकर फटकार लगाई है। याचिकाकर्ता कुलदीप तिवारी ने इसे लेकर बयान जारी किया है।
खबरों के अनुसार बयान में कुलदीप तिवारी ने लिखा, वरिष्ठ अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री ने कोर्ट को आपत्तिजनक तथ्यों से अवगत कराया और विरोध दर्ज कराया। हमारे द्वारा 22 जून को प्रस्तुत अमेंडमेंट एप्लीकेशन को न्यायालय द्वारा स्वीकृत करते हुए सेंसर बोर्ड की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता अश्विनी सिंह से पूछा कि क्या करता रहता है सेंसर बोर्ड? सिनेमा समाज का दर्पण होता है, आगे आने वाली पीढ़ियों को क्या सिखाना चाहते हो? क्या सेंसर बोर्ड अपनी जिम्मेदारियों को नहीं समझता है?
कोर्ट ने यह भी कहा कि सिर्फ रामायण ही नहीं बल्कि पवित्र कुरान, गुरु ग्रंथ साहिब और गीता जैसे धार्मिक ग्रंथों को तो कम से कम बख्श दीजिए, बाकी जो करते हैं वो तो कर ही रहे हैं। कोर्ट ने फिल्म के निर्माता, निर्देशक सहित अन्य प्रतिवादी पार्टियों की कोर्ट में अनुपस्थिति पर भी कड़ा रुख दिखाया।
Edited By : Ankit Piplodiya