2018 में अब तक एक भी सफल फिल्म बॉलीवुड को नहीं मिली है और इन दिनों सिनेमाघर सूने हैं। पिछले सप्ताह रिलीज हुईं 1921, मुक्काबाज और कालाकांडी ने निराश किया। फिल्मों के कलेक्शन बेहद कम रहे और दर्शकों के अभाव में शो रद्द होने की भी खबर है। इनसे ज्यादा दर्शक तो टाइगर जिंदा है ने चौथे सप्ताह में बटोरे, लेकिन ये फिल्म भी मल्टीप्लेक्स में सीमित शो में चल रही है। सिंगल स्क्रीन के तो हाल ही बेहाल है क्योंकि नई फिल्में बमुश्किल सप्ताह पूरा कर पाती है।
19 जनवरी को भी एक-दो नहीं बल्कि पूरी सात फिल्में प्रदर्शित हो रही हैं। ज्यादातर ने इनमें से इक्का-दुक्का फिल्मों के नाम सुने होंगे। निर्दोष, माय बर्थडे सांग, वोदका डायरीज़, टेरर स्ट्राइक, यूनियन लीडर, बाबा रामसा पीर और हक-ए-सैलानी से बॉक्स ऑफिस पर सफलता की उम्मीद करना ज्यादती होगी। इनमें से कुछ फिल्में अच्छी जरूर हो सकती हैं, लेकिन व्यवसाय के लिहाज ये फिल्म शायद ही अच्छा प्रदर्शन कर पाए। इन फिल्मों में नामी सितारे नहीं है। न ही इनका ठीक से प्रचार-प्रसार किया गया है।
मल्टीप्लेक्स में सीमित शो इन फिल्मों को मिलेंगे। सिंगल स्क्रीन और छोटे शहरों में तो ये फिल्में रिलीज भी नहीं हो पाएंगी। कुल मिलाकर यह सप्ताह भी बॉलीवुड के लिए निराशाजनक रहेगा। डब और पुरानी फिल्मों के सहारे दिन काटने होंगे और इस तरह की फिल्में अब दर्शकों को आकर्षित नहीं कर पाती।
25 जनवरी से ही बॉक्स ऑफिस पर हलचल मचेगी। पैडमैन का तो रिलीज होना तय है। पद्मावत भी रिलीज होने वाली है, लेकिन कहां रिलीज होगी और कहां नहीं, इस पर संशय के बादल हैं। यदि दोनों फिल्में रिलीज होती हैं तो सिनेमाघरों का सन्नाटा टूटने वाला है।