एक एक्टर के लिए किसी रोल की परफॉर्मेंस के साथ इसकी तैयारी भी उतनी ही जरूरी है, खासकर तब, जब किसी किरदार का शारीरिक हुलिया, भाषा या व्यक्तित्व उससे बिल्कुल अलग हो। एक किरदार को उसकी पूरी बारीकियों के साथ निभाकर ही स्क्रीन पर सबसे यादगार और सराहनीय प्रदर्शन सामने आता है।
सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन का धारावाहिक 'पुण्यश्लोक अहिल्याबाई' रानी अहिल्याबाई होल्कर के उल्लेखनीय जीवन की कहानी है, जो एक ऐसी महिला की ताकत और हिम्मत को दर्शाती है, जिसने 18वीं शताब्दी की सभी सामाजिक कुरीतियों को पार किया और एक ऐसा नाम बनीं, जिन्होंने न सिर्फ एक इतिहास रचा बल्कि बहुतों को प्रेरित भी किया।
इस शो अभिनेता गौरव अमलानी अहिल्याबाई के पति खंडेराव होल्कर की महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। गौरव अमलानी का मानना है कि किसी भी किरदार को निभाने के लिए ये जरूरी है कि आप खुद को पूरी तरह से कैसे दर्शाते हैं। वो अपने किरदार की शारीरिक खूबियों पर ध्यान केंद्रित रखते हैं जैसे खंडेराव कैसे चलते हैं, खड़े होते हैं और किस तरह अपने व्यक्तित्व को दर्शाते हैं।
अपना अनुभव साझा करते हुए गौरव अमलानी ने कहा, ऐतिहासिक किरदार निभाते समय, यह ध्यान रखना जरूरी है कि हम अपने शारीरिक परिवर्तन को ज्यादा से ज्यादा महत्व दें। जब दर्शक न सिर्फ किरदार के आंतरिक सफर से जुड़ते हैं बल्कि उसके शारीरिक रूप को भी स्वीकार करते हैं, तो उस किरदार के साथ दर्शकों का एक खास रिश्ता बन जाता है।
उन्होंने कहा, एक योद्धा राजकुमार, खास तौर पर खंडेराव जैसे कुशल व्यक्ति की भूमिका निभाने के लिए मैं एक स्ट्रिक्ट डाइट फॉलो करता हूं और एक पर्सनल ट्रेनर के साथ सप्ताह में कम से कम चार बार एक्सरसाइज़ करता हूं। यह सेट पर हर दूसरे दिन होने वाली तलवारबाजी और स्टंट वर्कशॉप्स के अलावा होता है। जहां ये एक चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया है, वहीं ये रचनात्मक रूप से भी बहुत संतोषजनक है।