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1000 घंटों के रिसर्च के बाद बनी गाज़ी अटैक!

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गाज़ी अटैक की पहले कभी न कही गई कहानी आखिरकार सामने आ ही जाएगी। असल जिंदगी से ली गई घटनाओं को पर्दे पर लाने के लिए निश्चिततौर पर बहुत अधिक रिसर्च की जरूरत होती है। अगर गाज़ी अटैक के लिए किए गए रिसर्च के घंटों को जोड़ा जाए तो यह करीब 1000 घंटे होते हैं। 
पीएनएस गाज़ी से लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच पानी के भीतर छिड़े युद्ध की बारीकी निकालने के लिए जबरदस्त रिसर्च की जरूरत थी ताकि फिल्म सत्य के बिल्कुल करीब हो। इसके फिल्म मेकर्स को 1000 घंटों का लंबा समय लगा। फिल्म पनडुब्बी और नौसेना के युद्ध पर बनी है। इसके लिए फिल्म की टीम को पनडुब्बी, जिनका इस्तेमाल 1970 के दौर में युद्ध में हुआ था, पर गहन रिसर्च करना पड़ा।  
 
इसके अलावा, टीम ने भारतीय नौसेना को करीब से जाना। टीम नौसेना के ठिकाने पर पहुंची और ऑफिसरों के साथ बातचीत की। यह फिल्म में किरदार निभा रहे कलाकारों के लिए बहुत मददगार रहा। फिल्म की टैगलाइन कहती है 'ऐसा युद्ध जिसका आपको पता नहीं'। जिसके बारे में सच छुपा रहा है कि कैसे रहस्यमयी तरीके से पाकिस्तान की पनडुब्बी पीएनएस गाज़ी 1971 के युद्ध के दौरान डूब गई थी। 
 
फिल्म के ट्रेलर से चौंकानेवाले सच सामने आए हैं। सरकार ने इस हकीकत को अब तक छुपाकर रखा और अब जब गाज़ी अटैक रिलीज के लिए तैयार है, सच्चाई सबके सामने होगी। एए फिल्म्स और धर्मा प्रोडक्शन ने फिल्म के लिए जमकर रिसर्च किया है। संकल्प रेड्डी निर्देशित फिल्म गाज़ी अटैक में राना दागुबत्ती, के के मेनन, अतुल कुलकर्णी और तापसी पन्नु की मुख्य भूमिकाएं हैं। फिल्म 17 फरवरी को रिलीज होगी।

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