बॉलीवुड के सबसे हैंडसम स्टार्स में से एक रितिक रोशन 10 जनवरी को अपना 47वां जन्मदिन सेलिब्रेट रहे हैं। दुनियाभर के लोग उनकी खूबसूरती और एक्टिंग के दीवाने हैं। आज वो भले ही सफल एक्टर्स में गिने जाते हैं, लेकिन बहुत कम लोगों को ही पता ही कि रितिक को जिंदगी के अलग-अलग पड़ावों में कई बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा था।
फिल्मी परिवार से तालुक रखने के बावजुद रितिक इंडस्ट्री में आसानी से कदम नहीं रख पाए थे। रितिक रोशन ने साल 2000 में फिल्म 'कहो न प्यार है' से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। हालांकि, उन्हें उस फिल्म में काम करने के लिए कई पापड़ बेलने पड़े थे। एक्टर को काम सिखाने के लिए उनके पिता राकेश रोशन ने अपनी फिल्मों के सेट्स पर उन्हें काम दिया था।
फिल्मों के बारे में सीखने के लिए उनके पिता राकेश ने रितिक रोशन को असिस्टेंट डायरेक्टर रखा हुआ था। उन्होंने कई सालों तक अपने पिता की फिल्मों के सेट्स पर काम किया था। इतना ही नहीं एक्टर ने सेट्स पर झाड़ू तक लगाने का काम किया था। वो स्टार्स के लिए चाय भी ले जाया करते थे। राकेश रोशन के पिता का उद्देश्य उन्हें सबकुछ शुरुआत से सिखाना था।
रितिक रोशन ने राकेश के द्वारा बनाई गई फिल्म 'करण अर्जुन' में भी बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर काम किया था। इसके बारे में बताया जाता है कि राकेश रोशन ने उन्हें सेट्स पर कोई आरामदायक समय नहीं दिया था। इस बारे में राकेश ने खुद एक इंटरव्यू में बताया था कि वो रितिक को बड़ी सीख देना चाहते थे।
जब राकेश रोशन से बेटे को काम सिखाने को लेकर पूछा गया था तो उन्होंने कहा कि 'ये वो एक्सपीरियंस था, जो उन्होंने रितिक को ये सिखाने के लिए और एहसास दिलाने के लिए दिया कि उनके पिता जिंदगी में इतना आगे कैसे आए। वो करियर शुरुआती दिनों में खुद भी असिस्टेंट डायरेक्टर थे।'
वो रितिक को सिखाना चाहते थे कि कैमरा के पीछे और सेट्स पर क्या होता है। जैसे लोग क्या बात करते हैं, जब एक्टर देर से आता है, जब लंच और डिनर अच्छे नहीं होते, जब चीजें सिर्फ आराम के बारे में नहीं होतीं।
रितिक के पहले रोल की बात की जाए तो उन्होंने अपने दादा की फिल्म में काम किया था। तब उनकी उम्र महज 6 साल थी। रितिक रोशन के दादा ओम प्रकाश ने उन्हें फिल्म 'आशा' में रोल दिया था। इसके बदले उन्हें 100 रुपए मेहनताना भी मिला था। ये रितिक की पहली कमाई थी।