आमिर और शाहरुख जैसे सुपरस्टार्स को मात देकर जब नए-नवेले रितिक रोशन ने जीती थी बाजी : बात 1999 के आखिरी महीने की है। राकेश रोशन की फिल्म कहो ना प्यार है बन कर तैयार थी। इस फिल्म के जरिये वे अपने पुत्र रितिक रोशन को बॉलीवुड में लांच कर रहे थे। हीरोइन अमीषा पटेल की भी यह पहली फिल्म थी। फिल्म की रिलीज डेट की प्लानिंग की जा रही थी। राकेश रोशन 14 जनवरी 2000 को यह फिल्म रिलीज करना चाहते थे और उनके नजदीकी दोस्त और शुभचिंतक न केवल इस बात के खिलाफ थे बल्कि वे इसे आत्मघाती कदम बता रहे थे। उनका मानना था कि राकेश का यह निर्णय उनके बेटे रितिक रोशन के करियर को बरबाद कर सकता है।
इसकी वजह थी आमिर खान और शाहरुख खान जैसे सुपरसितारों की फिल्में। आमिर खान की फिल्म मेला को 7 जनवरी 2000 को रिलीज करने की घोषणा हो चुकी थी। मेला बड़ी फिल्म थी। इसका निर्देशन धर्मेश दर्शन ने किया था जिनकी आमिर के साथ पिछली फिल्म राजा हिन्दुस्तानी ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी। मेला में आमिर के साथ उनके भाई फैजल खान भी थे इसलिए आमिर इस फिल्म में विशेष रूचि ले रहे थे।
मेला के ठीक दो सप्ताह बाद यानी 21 जनवरी 2000 को शाहरुख खान फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी लेकर आ रहे थे। इसमें शाहरुख के साथ जूही चावला थीं। निर्देशन की बागडोर अजीज मिर्जा के हाथों थी। शाहरुख फिल्म के प्रोड्यूसर भी थे इसलिए फिल्म उनके लिए बहुत अहम थी।
आमिर और शाहरुख जैसे सुपरसितारों के बीच राकेश रोशन नवोदित जोड़ी को लेकर बनाई गई फिल्म कहो ना प्यार है रिलीज कर रहे थे और यही बात उनके नजदीकी लोगों को ठीक नहीं लग रही थी और उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि आखिर राकेश जानते-समझते आग से क्यों खेल रहे हैं? क्यों दो सुपरस्टार्स की फिल्म के बीच सैंडविच बन रहे हैं? लोग तो आमिर और शाहरुख के दीवाने हैं, भला वे रितिक की फिल्म क्यों देखेंगे?
ऐसे कई प्रश्नों से राकेश रोशन का सामना हो रहा था, लेकिन राकेश रोशन अडिग रहे। अपने फैसले पर अटल रहे। उन्हें अपनी बनाई फिल्म पर विश्वास था। रितिक की प्रतिभा और अपनी काबिलियत पर भरोसा था।
बहरहाल, आमिर और शाहरुख खान की फिल्मों के बीच कहो ना प्यार है रिलीज की गई। आमिर की मेला और शाहरुख की फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी फ्लॉप रहीं जबकि रितिक रोशन की कहो ना प्यार है सुपरहिट रही। सुपरसितारों को एक नए नवेले नायक ने मात दे दी। सदी में भी परिवर्तन हुआ था इसलिए रितिक को नई सदी का नया सितारा माना गया।