बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौट अक्सर अपने बेबाक बयानों की वजह से मुश्किल में उलझ जाती हैं। बीते दिनों कंगना ने सरकार की ओर से कृषि कानून वापस लिए जाने के बाद सोशल मीडिया पर किसानों को लेकर एक विवादित पोस्ट किया था। कंगना ने किसानों को खालिस्तानी आतंकवादी बता दिया था।
कंगना ने लिखा था, खालिस्तानी आतंकवादियों ने भले ही आज सरकार की बांह मरोड़ दी हो लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि एक महिला प्रधानमंत्री ने इन्हें कुचल दिया था। चाहे इसकी वजह से देश को कितना भी कष्ट क्यों न हुआ हो। कंगना के इस पोस्ट को लेकर उन्के खिलाफ मुंबई में प्राथमिकी दर्ज करवाई गई थी।
इस मामले में कंगना रनौट अपना बयान दर्ज कराने के लिए आज खार पुलिस स्टेशन पहुंच गई हैं। जांच अधिकारी इस मामले में कंगना के बयान रिकॉर्ड करेंगे।
पुलिस ने इस महीने की शुरुआत में कंगना को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया था। कंगना के वकील ने बम्बई उच्च न्यायालय को बताया था कि वह 22 दिसंबर को खार पुलिस के समक्ष पेश होंगी। बुधवार को उनके वकील ने पेश होने के लिए दूसरी तारीख दिए जाने का अनुरोध किया था।
मुंबई पुलिस ने इससे पहले बम्बई उच्च न्यायालय को बताया था कि वह 25 जनवरी, 2022 तक कंगना रनौट को उनकी सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर गिरफ्तार नहीं करेगी, जिसमें किसानों के विरोध प्रदर्शन को कथित तौर पर एक अलगाववादी समूह से जोड़ा गया था।
पुलिस का यह बयान तब आया था जब उच्च न्यायालय ने कहा कि इस मुद्दे में कंगना की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का बड़ा सवाल शामिल है और अदालत को उन्हें कुछ अंतरिम राहत देनी होगी। कंगना ने इस महीने की शुरुआत में उच्च न्यायालय का रुख किया था और अपने खिलाफ खार पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध किया था।
अभिनेत्री के खिलाफ प्राथमिकी एक सिख निकाय के कुछ सदस्यों की शिकायत के बाद दर्ज की गई, जिसमें दावा किया गया है कि रनौत ने अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट के माध्यम से दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आंदोलन को खालिस्तानी आंदोलन के रूप में पेश किया है।