कोरोना काल की विपरीत परिस्थितियों में दुश्वारियों की कहानियों के बीच सकारात्मक सृजन की खबरे कमाल ही लगती है। इंदौर में यह कमाल किया है, कुशाग्र माहेश्वरी ने, जो केवल 16 वर्ष के संगीतकार है। कोरोना काल के मुश्किल समय मे कक्षा 12 के छात्र कुशाग्र ने सृजन को अपनी प्रेरणा बनाया।
कुशाग्र के संगीत निर्देशन में तैयार गीत 'आंतरिक सैर' आज देश के सभी बड़े संगीत प्लेटफॉर्म्स पर जारी हुआ है। संभवतः यह एक बिरला मौका है जब इंदौर के किसी स्कूली छात्र के संगीत निर्देशन में कोई गाना इतने बड़े पैमाने पर जारी हो रहा है।
बचपन से ही संगीत के शौकीन कुशाग्र कई वाद्य यंत्र बजाना जानते हैं संगीत की दुनिया में उन्होंने अपना नाम 'क्यूजिक' रखा है जो कुशाग्र और म्यूजिक का मिश्रण है। कुशाग्र अपनी स्कूल की पढ़ाई के साथ संगीत निर्माण का आधुनिक प्रशिक्षण भी ले रहे हैं।
इस गाने के बारे में कुशाग्र कहते है, घरबन्दी के समय से उपज रही निराशा के बीच तैयार यह धुन मन को सकारात्मक विचारों की आंतरिक सैर पर ले जाती है। इसीलिए इसे नाम भी 'आंतरिक सैर' ही दिया गया है।
इस गाने को मुंबई के गायक श्रवण मंत्री ने गाया है। कुशाग्र के सामने मुंबई के गायक से इंदौर में बैठकर गाना रिकॉर्ड करवाने की चुनौती भी थी, जिसे वीडियो कॉलिंग के सहारे हल किया गया। इतनी छोटी उम्र में संगीत के प्रति अपनी लगन से कुशाग्र ने साबित किया है कि संगीत, सृजन और सकारात्मकता को कोई भी मुश्किल रोक नही सकती।