बॉलीवुड एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित के लिए डांस एक आध्यात्मिक अनुभव है और उनका कहना है कि कला को उनसे अलग करना संभव नहीं है क्योंकि इससे उनके व्यक्तित्व को आकार मिला है। माधुरी हिन्दी सिनेमा की 'डांसिंग सुपरस्टार' रह चुकी हैं।
एक इंटरव्यू के दौरान माधुरी ने कहा, डांस ने मुझे अनुशासन, ध्यान और ईमानदारी सिखाई है। जब आप किसी चीज में डूबे होते हैं, तब वह काम नहीं रह जाता है, वह आनंद प्रदान करने वाला हो जाता है। अगर मुझे कोई स्टेप (डांस का) 20 हजार बार करना है, तो मैं करूंगी। मुझे कोई अभिमान नहीं है क्योंकि मैं इसके हर पल का आनंद लेती हूं।
उन्होंने कहा, डांस मेरे लिए एक आध्यात्मिक अनुभव रहा है, जहां मैं कला, प्रकृति के करीब महसूस करती हूं। जब मैं कथक, लोक नृत्य, अर्ध-शास्त्रीय नृत्य, या हिप-हॉप भी करती हूं, तो मुझे लगता है कि मैं किसी संस्कृति का हिस्सा हूं। यह समृद्ध करने वाला और सीखने वाला अनुभव होता है।
माधुरी दीक्षित को 1988 की फिल्म तेजाब के गाने 'एक दो तीन' से पहली बार कामयाबी मिली और उसके बाद उनके कई गानों और फिल्मों को खासी कामयाबी मिली। उनके हिट गानों में तम्मा तम्मा लोगे, धक धक करने लगा, मेरा पिया घर आया आदि शामिल हैं।
माधुरी ने तीन साल की उम्र से डांस सीखना शुरू कर दिया था। उन्हें अपना वह कार्यक्रम आज भी याद है जब उन्होंने आठ साल की उम्र में अन्य शास्त्रीय संगीतकारों की उपस्थिति में प्रस्तुति दी थी। उन्होंने कहा, वह एक रोमांचक क्षण था। मुझे उस समय इसका एहसास नहीं था। मैं बस रोमांचित था कि मुझे फिर से डांस करने का मौका मिला। जब अगले दिन अखबार में मेरा नाम प्रकाशित हुआ तो मैं बहुत खुश थी।
माधुरी का डांस के प्रति लगाव अब भी बरकरार है और वह रियलिटी शो डांस दीवाने के आगामी तीसरे सीजन में जज की भूमिका में दिखेंगी। इस शो में उनके साथ कोरियोग्राफर तुषार कालिया और धर्मेश येलांडे भी होंगे। उन्होंने कहा, आप मुझसे डांस को अलग नहीं कर सकते, क्योंकि डांस प्रकृति में है। आप इसे किसी भी चीज से अलग नहीं कर सकते... मुझे हर चीज में डांस दिखाई देता है।