भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े सम्मान दादा साहब फाल्के अवॉर्ड से मलयालम फिल्मों के महान अभिनेता मोहनलाल को नवाजा गया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इस घोषणा के बाद पूरे फिल्म जगत में खुशी की लहर दौड़ गई। मोहनलाल को यह पुरस्कार भारतीय सिनेमा में उनके चार दशक लंबे योगदान और उत्कृष्ट अभिनय के लिए दिया गया है।
चार दशक लंबा शानदार करियर
मोहनलाल ने 1980 में फिल्म मंजिल विरिंजा पूक्कल से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और मलयालम सिनेमा में खुद को सबसे बड़े सितारों में शुमार कर लिया। उन्हें साउथ फिल्म इंडस्ट्री में 'कंप्लीट एक्टर' के नाम से जाना जाता है। आज तक वे 350 से अधिक फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं, जिनमें मलयालम, तमिल, तेलुगु, हिंदी और कन्नड़ फिल्में शामिल हैं।
अवॉर्ड्स और पहचान
मोहनलाल को अब तक पांच राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुके हैं, जिनमें दो बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का सम्मान शामिल है। 2001 में उन्हें पद्मश्री और 2019 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया। उनकी लोकप्रियता सिर्फ साउथ तक सीमित नहीं रही, बल्कि हिंदी फिल्मों में भी उन्होंने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।
बहुमुखी प्रतिभा
मोहनलाल सिर्फ अभिनेता ही नहीं, बल्कि गायक, निर्माता और थिएटर आर्टिस्ट भी हैं। वे अपने अभिनय में गहराई और सहजता के लिए पहचाने जाते हैं। चाहे एक्शन हो, कॉमेडी या इमोशनल किरदार – मोहनलाल हर भूमिका को जीवंत कर देते हैं।
सिनेमा जगत की प्रतिक्रिया
दादा साहब फाल्के अवॉर्ड की घोषणा के बाद फिल्म इंडस्ट्री के तमाम कलाकारों और प्रशंसकों ने उन्हें बधाई दी। यह सम्मान न सिर्फ मोहनलाल के लिए, बल्कि पूरे मलयालम सिनेमा के लिए गर्व का क्षण है।
इस सम्मान के साथ मोहनलाल का नाम अब भारतीय सिनेमा के उन दिग्गजों में शामिल हो गया है, जिन्होंने अपने अभिनय से पीढ़ियों को प्रभावित किया है।