mughal e azam completes 63 years: के.आसिफ के निर्देशन में बनी फिल्म 'मुगल-ए-आजम' की रिलीज को हाल ही में 63 साल पूरे हो गए हैं। इस फिल्म में पृथ्वीराज कपूर, दिलीप कुमार और मधुबाला ने मुख्य भूमिका निभाई थी। इस फिल्म के निर्माण में के.आसिफ को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इसके निर्माण में लगभग 10 वर्ष लग गए।
साल 1960 में जब मुगले आजम रिलीज हुई तो इसने बॉक्स ऑफिस पर सारे रिकार्ड तोड़ दिए। 'मुगल-ए-आजम' के प्रदर्शन के 63 वर्ष पूरे होने पर सायरा बानो ने इंस्टाग्राम पर एक भावुक नोट केयर करके दिलीप कुमार को ट्रिब्यूट दिया है।
सायरा बानु ने लिखा, भारतीय सिनेमा के इतिहास में, किसी भी फिल्म ने दर्शकों के दिलों पर 'मुगल-ए-आजम' जितनी गहरी छाप नहीं छोड़ी है। के. आसिफ की यह फिल्म भारतीय फिल्म निर्माण की महिमा के लिए एक कालातीत प्रमाण के रूप में खड़ी है। इस फिल्म में दिलीप कुमार (साहेब) की मनमोहक भूमिका ने इसमें अतिरिक्त परत जोड़ दी है।
उन्होंने लिखा, साहेब (दिलीप कुमार) का किरदार सलीम मंत्रमुग्ध करने वाला था। चरित्र में जान डालने की उनकी क्षमता, चाहे कोमल रोमांस के क्षण हों या भयंकर विद्रोह, देखने लायक थे। उनका शक्तिशाली प्रदर्शन आज तक दर्शकों दिलों में गूंजता है।मुगल-ए-आजम समय की सीमाओं को पार करती है।
सायरा बानो ने लिखा, फिल्म की समाप्ति तक की यात्रा अपने आप में किसी महाकाव्य गाथा से कम नहीं थी, जो आश्चर्यजनक रूप से दस वर्षों तक चली। लुभावनी राजसी 'शीश महल' से लेकर 'ठुमरी' जैसी कालजयी संगीत धुनों तक, फिल्म के हर पहलू पर विस्तार से ध्यान दिया गया। नौशाद द्वारा बनाई गई 'मोहे पनघट पे' और कव्वाली 'तेरी महफ़िल में' में सौंदर्यपूर्ण रूप से लेकर मनमोहक वेशभूषा तक सब दिखाया गया है।
Edited By : Ankit Piplodiya