94वें अकादमी अवॉर्ड्स का आयोजन इस साल अमेरिका के लॉस एंजिल्स के डॉल्बी थिएयर में किया गया। इस समारोह में कई फिल्मों को ऑस्कर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। भारत की तरफ से एक डॉक्यूमेंट्री 'राइटिंग विद फायर' ऑस्कर की रेस में शामिल थी।
भारतीय डॉक्यूमेंट्री 'राइटिंग विद फायर' को ऑस्कर में सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री की श्रेणी में 'समर ऑफ सोल' ने मात दे दी। ऑस्कर के 94वें संस्करण में सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री श्रेणी में एसेंशन, एटिका और फ्ली भी दौड़ में थीं।
'राइटिंग विद फायर' का निर्देशन रिंटू थॉमस और सुष्मित घोष ने मिलकर किया है। यह डॉक्यूमेंट्री दलित महिलाओं द्वारा चलाए गए एक समाचार पत्र 'खबर लहरिया' पर आधारित कहानी है। इस मीडिया संगठन की पूरी टीम वक्त के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए प्रिंट मीडिया छोड़कर पूरी तरह डिजिटल माध्यम को अपना लेती है।
ऑस्कर समारोह आयोजित होने से कुछ हफ्ते पहले यह डॉक्यूमेंट्री फिल्म उस समय विवादों में घिर गई थी, जब अखबार संगठन ने एक बयान जारी कर कहा था कि वृत्तचित्र में उनकी कहानी को सही से प्रस्तुत नहीं किया गया है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इससे फिल्म की ऑस्कर जीतने की संभावनाएं प्रभावित हुई या नहीं।
ग्रामीण मीडिया संगठन 'खबर लहरिया' ने पिछले सप्ताह कहा था कि 'राइटिंग विद फायर' में उनके बारे में जो कुछ दिखाया बताया गया है, वह अधूरा है। खबर लहरिया की संपादक कविता बुंदेलखंडी ने कहा था, हमें इस बात पर बहुत गर्व है कि हमारे संगठन पर इस तरह का वृत्तचित्र बनाया गया।
उन्होंने कहा, हम जानते हैं कि स्वतंत्र फिल्म निर्माताओं के पास यह विशेषाधिकार है कि वे अपने ढंग से कहानी पेश कर सकते हैं, लेकिन हमारा यह कहना है कि पिछले 20 वर्षों से हमने जिस तरह की स्थानीय पत्रकारिता की है या करने की कोशिश की है, फिल्म में वह नजर नहीं आती।