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राजेश रोशन नहीं बनना चाहते थे संगीतकार, अमिताभ बच्चन को दिया था पहली बार गाने का मौका

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WD Entertainment Desk

, शनिवार, 24 मई 2025 (15:13 IST)
बॉलीवुड के मशहूर संगीतकार राजेश रोशन अपने संगीतबद्ध गीतों से लगभग चार दशक से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर रहे है, लेकिन वह संगीतकार नहीं बनकर सरकारी नौकरी करना चाहते थे। राजेश रोशन का जन्म 24 मई 1955 को मुंबई में हुआ। उनके पिता रोशन लाल नागरथ फिल्म इंडस्ट्री के नामी संगीतकार थे। 
 
घर में संगीत का माहौल रहने के बावजूद उनकी संगीत के में कोई रूचि नही थी। उनका मानना था संगीतकार बनने से अच्छा है कि 10 से 5 बजे तक की सरकारी नौकरी किया जाए इससे उनका जीवन सुरक्षित रहेगा। रोशन की मां इरा रोशन भी एक गायिका थीं। राजेश रोशन ने अपने माता-पिता के अलावा उस्ताद फैज अहमद खान से संगीत की शिक्षा ली।
 
सत्तर के दशक में राजेश रोशन संगीतकार लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल के सहायक के तौर पर काम करने लगे। उन्होंने लगभग पांच वर्ष तक उनके साथ काम किया। राजेश रोशन ने संगीतकार के रूप में अपने सिने करियर की शुरुआत महमूद की 1974 में प्रदर्शित फिल्म 'कुंवारा बाप' से की, लेकिन कमजोर पटकथा के कारण फिल्म टिकट खिड़की पर बुरी तरह पिट गई। 
 
राजेश रोशन की किस्मत का सितारा 1975 में प्रदर्शित फिल्म 'जूली' से चमका। इस फिल्म में उनके संगीतबद्ध गीत 'दिल क्या करे जब किसी को किसी से प्यार हो जाये', 'माई हार्ट इज बीटिंग', 'ये रातें नयी पुरानी' और 'जूली आई लव यू' जैसे गीत श्रोताओं के बीच काफी लोकप्रिय हुए। फिल्म और संगीत की सफलता के बाद बतौर वह संगीतकार के रूप में कुछ हद तक अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गए।
 
लगभग चार वर्ष तक मायानगरी मुंबई में संघर्ष करने के बाद राजेश रोशन को 1979 में अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्म मिस्टर नटवर लाल में संगीत देने का मौका मिला। इस फिल्म में उनका संगीतबद्ध गीत परदेसिया ये सच है पिया उन दिनों श्रोताओं के बीच काफी लोकप्रिय हुआ। फिल्म और संगीत की सफलता के बाद राजेश रोशन का सितारा गर्दिश से बाहर निकल गया। 
 
मिस्टर नटवर लाल राजेश रोशन के साथ ही सुपरस्टार अमिताभ बच्चन के सिने करियर के लिए भी महत्वूपूर्ण फिल्म साबित हुई। इस फिल्म से पहले अमिताभ बच्चन ने फिल्मों के लिए कोई गीत नही गाया था। यह राजेश रोशन ही थे, जिन्होंने अमिताभ बच्चन की गायकी पर भरोसा जताते हुए उनसे फिल्म में मेरे पास आओ मेरे दोस्तों एक किस्सा सुनो गीत गाने की पेशकश की। यह गीत श्रोताओं के बीच आज भी लोकप्रिय है।
 
राजेश रोशन अब तक दो बार सर्वश्रेष्ठ संगीतकार के फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किए जा चुके है। वर्ष 1975 में प्रदर्शित फिल्म 'जूली' के लिए सबसे पहले उन्हें सर्वश्रेष्ठ संगीतकार का फिल्मफेयर पुरस्कार दिया गया था। इसके बाद 2000 में प्रदर्शित फिल्म कहो ना प्यार है के लिए भी उन्हें सर्वश्रेष्ठ संगीतकार का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला। अपने पांच दशक के सिने करियर मे राजेश रोशन लगभग 140 फिल्मों के लिए संगीत निर्देशन कर चुके है।

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