सोनाक्षी सिन्हा को ज्योतिष पर ज्यादा यकीन नहीं है, लेकिन एक दिन उनकी मुलाकात एक ज्योतिषी से हो गई। उसने कहा कि किताबें तुम्हारे लिए लकी हैं। सोनाक्षी ने इस पर यकीन नहीं किया, लेकिन यह बात उन्हें याद रह गई। उन्हें समझ में नहीं आया कि इस बात का मतलब क्या है? वे ज्यादा पढ़ती भी नहीं हैं।
ज्योतिषी की बात पर जब सोनाक्षी ने गौर किया तो कन्फ्यूज हो गईं। उन्हें समझ नहीं आया कि ज्योतिषी का मतलब धार्मिक किताबों से था या उसे किताब खरीदने के लिए कहा गया। बात आई गई हो गई, लेकिन दिमाग में उनके यह बात अंकित थी।
सोनाक्षी की दो फिल्में 'लुटेरा' और 'नूर' किताबों पर आधारित फिल्में हैं। लुटेरा (2013) ओ हेनरी के प्रसिद्ध उपन्यास 'द लास्ट लीफ' पर आधारित थी, जबकि 'नूर' सबा इम्तियाज के उपन्यास 'कराची यू आर किलिंग मी' पर आधारित है। लुटेरा के लिए सोनाक्षी के अभिनय की सबसे ज्यादा तारीफ हुई है, लिहाजा यह फिल्म उनके दिल के बहुत करीब है। कई लोग इस फिल्म को आज भी सोनाक्षी के लिए याद करते हैं।
दूसरी ओर 'नूर' के ट्रेलर और गाने भी सराहे जा रहे हैं। सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं जिससे सोनाक्षी बेहद खुश हैं। सवाल यह उठता है कि क्या ज्योतिषी का यह मतलब था। क्या किसी किताब पर आधारित फिल्म करने से सोनाक्षी को तारीफ मिलेगी?
सोनाक्षी कहती हैं 'मैं इन बातों में विश्वास नहीं करती हूं, यह तो सुखद संयोग है। नूर और लुटेरा, दोनों ही फिल्में मेरे दिल के बहुत पास हैं।'