एक फरवरी से सिनेमाघरों को 100 प्रतिशत कैपेसिटी के साथ खोलने की अनुमति सरकार ने दे दी। इसके लिए गाइड लाइन भी जारी की है जिसका पालन करना होगा। इसके पहले अक्टोबर में सिनेमाघर खोलने की इजाजत दी गई थी, लेकिन 50 प्रतिशत कैपेसिटी के साथ। इसके बाद देश में कई चीजें शुरू हो गई, लेकिन सिनेमाघरों को पूरी तरह आजादी नहीं मिली। इसके कारण बड़ी फिल्मों के निर्माता अपनी फिल्मों को रिलीज करने में रूचि नहीं ले रहे थे।
नेता से राजनेता बने सनी देओल ने पिछले दिनों कई मंत्रियों, निर्मला सीतारमण, प्रकाश जावड़ेकर, अनुराग ठाकुर और कुछ अफसरों से मुलाकात की। उन्हें बताया कि सिनेमा व्यवसाय चौपट हो रहा है और इसे जल्दी से पटरी पर लाना होगा। इसके लिए सिनेमाघर को सौ प्रतिशत कैपेसिटी से खोलने की इजाजत चाहिए।
सनी के साथ द प्रोड्यूसर्स ऑफ गिल्ड इंडिया के अधिकारी और कुछ सिनमाघरों के मालिक भी थे। आखिरकार सनी की मेहनत रंग लाई और सरकार ने एक फरवरी से अनुमति दे दी।
सूत्रों का कहना है कि सनी इसका श्रेय नहीं लेना चाहते हैं इसलिए वे इस बारे में बात करने से बच रहे हैं। आमतौर पर नेता बने फिल्म अभिनेता कुछ नहीं करते, लेकिन सनी ने साबित किया है कि वे अभिनेता की तरह नेता के रूप में भी सफल रहेंगे।