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आहट को टक्कर देने आ रहा 'आमी डाकिनी', जानिए क्यों है मस्ट वॉच शो

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WD Entertainment Desk

, सोमवार, 23 जून 2025 (16:56 IST)
सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन का बहुप्रतीक्षित शो ‘आमी डाकिनी’ अपनी रहस्यमयी कहानी और गहराई से भरे माहौल के साथ दर्शकों को सम्मोहित करने के लिए तैयार है। कोलकाता की गलियों में फिल्माया गया यह शो “हुस्न भी, मौत भी” की एक नई व्याख्या प्रस्तुत करता है। 
 
शो के केंद्र में है डाकिनी – एक रहस्यमयी शख्सियत, जिसकी खामोशी बोलती है, जिसकी नजरें बेचैन करती हैं, और जिसकी मौजूदगी लंबे समय तक बनी रहती है। यह शो सोनी की एक सशक्त वापसी का संकेत है और इसे मिस न करने की 5 ठोस वजहें हैं।
 
1. दमदार मुख्य तिकड़ी
हितेश भारद्वाज, राची शर्मा और शीन दास की तिकड़ी शो में गहराई, संवेदनशीलता और यथार्थ लेकर आती है। हितेश अयान के रूप में आंतरिक संघर्ष को जीवंत करते हैं, राची मीरा के रूप में भावनात्मक मजबूती का प्रतीक हैं, और शीन डाकिनी के रूप में रहस्यमयी और परतदार मौजूदगी को बख़ूबी निभाती हैं।  इन तीनों की परफॉर्मेंस शो की रीढ़ हैं और दर्शकों से गहरा जुड़ाव बनाती हैं।
2. सोनी टीवी की डरावनी थीम में वापसी
'आहट' से लेकर अब 'आमी डाकिनी' तक, सोनी ने अपने खास डरावने और थ्रिलर वाले अंदाज़ को हमेशा जिंदा रखा है। इस बार भी डर मौजूद है, लेकिन इस बार उसके साथ भावनाओं की गहराई और एक नई कहानी की पृष्ठभूमि है जो अनुभव को और भी प्रभावशाली बनाती है।
 
3. कोलकाता की गलियों का जादू
कोलकाता की धुंध भरी गलियां, औपनिवेशिक वास्तुकला और रहस्यमयी माहौल केवल दृश्य नहीं हैं — वे हर सीन की भावनात्मक गहराई को बढ़ाते हैं। इस शहर की आत्मा कहानी का हिस्सा बन जाती है — दुख, डर और दिल को छू लेने वाले पलों को और अधिक प्रभावशाली बनाते हुए।
 
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4. टेलीविजन, जो बड़े पर्दे जैसा अनुभव देता है
'आमी डाकिनी' सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविज़न की उच्च गुणवत्ता वाली प्रस्तुतियों की पहचान है। शो में खूबसूरत सेट डिज़ाइन, माहौल को अद्भुत बनाने वाली लाइटिंग, और बारीकी से रची गई साउंड डिजाइन है, जो खास आकर्षण बनकर उभरेगी। कोलकाता की खूबसूरती को दिखाना हो या सीन के बीच के ट्रांज़िशन — हर फ्रेम सिनेमाई अनुभव देता है। यह केवल एक शो नहीं बल्कि एक भावनात्मक और दृश्य यात्रा है।
 
5. जावेद अली की रूहानी आवाज़
नील निराज की इस संगीतमय रचना को अपनी भावपूर्ण आवाज़ दे रहे हैं प्रसिद्ध गायक जावेद अली। उनका हर शब्द गहराई, भावनात्मकता और मौन से भरा हुआ है — जैसे वो उन बातों को भी आवाज़ दे रहे हों जो कहानी में कही नहीं जातीं। टाइटल ट्रैक केवल एक गाना नहीं, बल्कि कहानी का हिस्सा बन जाता है — पहले ही सुर से दर्शकों को डाकिनी की रहस्यमयी दुनिया में ले जाता है।

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