बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान के पटौदी पैलेस के बारे में कौन नहीं जानता। फिलहाल, सैफ अपनी प्रेग्नेंट पत्नी करीना कपूर और बेटे तैमूर अली खान के साथ इसी पैलेस में ठहरे हुए हैं। खबरों की मानें तो वे जल्दी ही मुंबई लौटने वाले हैं। वैसे, कम ही लोग जानते हैं कि सैफ के अब्बा मंसूर अली खान पटौदी के निधन के बाद यह पैलेस किराए पर दे दिया गया था, जिसे सैफ ने पैसे देकर वापस लिया था।
एक इंटरव्यू के दौरान सैफ अली खान ने इसकी पूरी कहानी बताई थी कि कैसे उन्होंने फिल्मों में काम करके जो पैसे कमाए, उससे इस पैलेस को वापस लिया था। इतना ही नहीं वे पैलेस से जुड़े राज का खुलासा करते वक्त दुखी भी हो गए थे।
मिड डे को दिए इंटरव्यू में सैफ ने कहा था- जब मेरे अब्बा का निधन हुआ तब पटौदी पैलेस, नीमराणा होटल को किराए पर दे दिया था। अमन, फ्रांसिस होटल चलाते थे। फ्रांसिस ने मुझसे कहा था कि अगर मुझे पटौदी पैलेस वापस चाहिए तो मैं उन्हें बता दूं। मैंने कहा- हां, मुझे वापस चाहिए।
इसके बाद उनकी कॉन्फ्रेंस हुई और उन्होंने मुझे कहा- अगर तुम पैलेस वापस चाहते हो तो तुम्हें हमें बहुत सारा पैसा देना होगा, जो मैंने फिर कमाए। सैफ ने बताया था कि उन्होंने फिल्मों से कमाए पैसों से इस पैलेस को वापस लिया था। सैफ ने बताया था- मुझे लगता है कि जो घर मुझे विरासत में मिलना चाहिए था उसे मुझे फिल्मों से कमाए पैसे के जरिए वापस लेना पड़ा था। मेरी परवरिश वैसी रही है लेकिन विरासत में कुछ भी नहीं मिला है।
बता दें कि गुड़गांव, हरियाणा से 26 किलोमीटर दूर पटौदी में ये व्हाइट कलर का पैलेस है। इस पैलेस को बने अभी करीब 84 साल हुए हैं। पैलेस का निर्माण 1935 में 8वें नवाब और भारतीय टीम के पूर्व कप्तान इफ्तिखार अली हुसैन सिद्दीकी ने कराया था। इसकी कीमत करीब 800 करोड़ बताई जाती है।
इस पैलेस में 150 रूम हैं और 100 से ज्यादा नौकर काम करते थे, लेकिन अब वो बात नहीं है। पैलेस को जहां इफ्तिखार अली हुसैन सिद्दीकी ने बनवाया तो वहीं उनके बेटे और 9वें नवाब मंसूर अली उर्फ नवाब पटौदी ने विदेशी आर्किटेक्ट की मदद से इसका रिनोवेशन कराया था। 2003 में मंसूर अली खान की मां साजिदा सुल्तान की मौत के बाद उन्हें सरकारी बंगला छोड़ना पड़ा। उसके बाद नवाब पटौदी पत्नी शर्मिला टैगौर के साथ इस पैलेस में रहने लगे थे।
पटौदी पैलेस में कई बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग भी की जा चुकी है, जिनमें 'मंगल पांडे', 'वीर-जारा', 'रंग दे बसंती', 'लव' जैसी फिल्में शामिल हैं। इस पैलेस को इब्राहिम कोठी के नाम से भी जाना जाता है। मंसूर अली उर्फ नवाब पटौदी की मौत के बाद उन्हें महल परिसर में स्थित कब्रगाह में दफनाया गया था।