नई दिल्ली (एजेंसियाँ) , शनिवार, 1 मार्च 2008 (10:06 IST)
आगामी विधानसभा चुनावों और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए सरकार ने शुक्रवार को कर्ज के दलदल में आकंठ डूबे किसानों के 60 हजार करोड़ रुपए के कर्ज माफ करने की घोषणा की। वेतनभोगी तबके को आयकर में बड़ी राहत प्रदान की और दलितों, पिछड़ों तथा अल्पसंख्यकों के कल्याण की योजनाओं के लिए सरकारी खजाना खोलकर दिया।
वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने संप्रग सरकार के बजट में चार करोड़ किसानों के कर्ज माफ करने की ऋण राहत और माफी योजना की घोषणा की। उन्होंने कर्मचारियों और मध्य वर्ग को खुश करने के लिए डेढ़ लाख रुपए सालाना की व्यक्तिगत आय को कर से पूरी तरह मुक्त कर दिया तथा कर के स्लैब बदलते हुए तीन लाख रुपए पर तक की आय पर 10 प्रतिशत कर लगाने का प्रस्ताव किया है। महिलाओं को अब 1.80 लाख रुपए और बुजुर्गों को 2.25 लाख रुपए तक कोई कर नहीं देना होगा।
वित्तमंत्री ने कंपनी जगत को आयकर में कोई छूट नहीं दी पर उन्हें उत्पाद शुल्क और आयात शुल्क में छूट देकर माँग की कमजोरी झेल रहे उनके मासूम चेहरों पर मुस्कान लाने की कोशिश की है। चिदंबरम ने संप्रग सरकार की भारत निर्माण, राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना, ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन और अल्पसंख्यकों के कल्याण की योजनाओं के लिए खजाने से खुले हाथ से धन उपलब्ध कराने की घोषणा की है।
वित्तमंत्री ने अल्पसंख्यक वर्ग के मतदाताओं को लुभाने के लिए उनके कल्याण के लिए तमाम कार्यक्रमों का आवंटन बढ़ाते हुए 90 अल्पसंख्यक बहुल जिलों में विभिन्न नई योजनाओं की शुरुआत का ऐलान किया।
वित्तमंत्री ने मंद पड़ती आर्थिक गतिविधियों को फिर से गतिमान करने के लिए कई वस्तुओं के सीमा एवं उत्पाद शुल्क दरों में कमी की है, लेकिन रुपए की मजबूती ने उन्हें सीमा शुल्क की अधिकतम दर को 10 प्रतिशत से नीचे लाने से रोक दिया।
बजट में इस्पात और एल्यूमिनियम को सस्ता करने के लिए उनके स्क्रेप पर शुल्क समाप्त कर दिया, विदेशों से परियोजना आयात पर शुल्क घटा दिया गया है। उन्होंने छोटी कारों, दुपहिया और तिपहिया वाहनों तथा बस और उनकी चेसिस पर उत्पाद शुल्क घटा दिया है। वित्तमंत्री ने मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र के लिए उत्पाद शुल्क की मुख्य सेनवेट दर 16 से घटाकर 14 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है।
बजट में कागज, पेपर बोर्ड, लेखन-मुद्रण और पैकेजिंग पेपर पर उत्पाद शुल्क में कमी की गई है। बजट से कम्पोस्टिंग मशीन, वायरलैस डाटा कार्ड, डिब्बाबंद नारियल पानी, चाय और कॉफी के मिश्रण, मुरमरे पर उत्पाद शुल्क पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है।
जीवन रक्षक और एड्स दवाओं पर उत्पाद शुल्क में भी भारी कमी की गई है। थोक सीमेंट और पैकेज बंद सीमेंट पर उत्पाद शुल्क समान किया गया। सीमेंट किलिंकर पर 450 रुपए प्रतिटन का उत्पाद शुल्क लगाया गया है। इस बजट से जल शुद्धिकरण यंत्र और बड़ी क्षमता क्षमता के रेफ्रीजरेशन संयंत्र भी सस्ते होंगे।
चिदंबरम ने बजट में यूलिप योजना में संपत्ति प्रबंध कंपनियों की सेवा सहित चार नई सेवाओं को सेवाकर के दायरे में शामिल कर दिया है। उन्होंने शेयर खरीद-फरोख्त कर की तरह ही कमोडिटी एक्सचेंज में होने वाली खरीद-फरोख्त पर भी कर लगाने का प्रस्ताव किया है। इसके साथ ही इस साल के बजट में केन्द्रीय बिक्री कर की दर एक प्रतिशत और घटकर अब दो प्रतिशत रहने की भी घोषणा की गई है।
वित्तमंत्री ने संप्रग सरकार के आम आदमी को विकास के केन्द्र में रखने के संकल्प पर जोर देते हुए अनुसूचित जातियों, जनजातियों के कल्याण के लिए चार हजार करोड़ रुपए की योजनाओं की घोषणा की। उन्होंने अल्पसंख्यक मंत्रालय का बजट 500 करोड़ से बढ़कर 1000 करोड़ रुपए कर दिया।
आम चुनावों को ध्यान में रखते हुए चिदंबरम ने गरीबों, कमजोर तबकों, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए रियायतों का पिटारा खोल दिया। आम आदमी बीमा योजना के लिए 1000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। इंदिरा गाँधी वृद्धावस्था पेंशन योजना के लिए आवंटन बढ़ाकर 3443 करोड़ रुपए और आलोचना की शिकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अधीन खाद्य सब्सिडी के लिए 32 हजार करोड़ रुपए से अधिक का प्रावधान किया गया है।
चिदंबरम ने करीब 70 प्रतिशत ग्रामीण मतदाताओं को रिझाने के लिए छोटे और मझौले किसानों के 60 हजार करोड़ रुपए के कर्ज माफ करने की घोषणा की। चिदंबरम ने संसद में पेश 2008-09 के आम बजट में इस पैकेज की घोषणा करते हुए कहा कि इससे देश के चार करोड़ किसानों को लाभ पहुँचेगा।
चिदंबरम ने मझौले और छोटे किसानों के अलावा बड़े किसानों के लिए भी कर्ज की एकबारगी निपटान योजना का प्रस्ताव किया है, जिसमें उनके दिसंबर 2007 तक के कर्ज निपटाने की योजना होगी।