नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अनुपस्थिति में वित्त मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे पीयूष गोयल ने शुक्रवार को सुबह 11 बजे संसद में बजट पेश किया। आजादी के बाद से देश में अब तक 14 बार अंतरिम बजट पेश हुए हैं। बजट में किस वर्ग को हुआ फायदा, जानिए...
आम आदमी के लिए टैक्स में छूट : नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल के अंतिम बजट में कर्मचारियों के लिए खुशी की खबर है कि बजट में टैक्स स्लैब की सीमा ढाई लाख से बढ़ाकर पांच लाख कर दी गई है। 5 लाख तक की आय पर पहले 13 हजार रुपए लगते थे। अब नहीं लगेगा कोई टैक्स। इसके अलावा डेढ़ लाख रुपए का इन्वेस्टमेंट करने पर साढ़े छह लाख रुपए तक आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा। अब 5 लाख रुपए तक की आमदनी रखने वाले इंडिविजुअल टैक्स पेयर्स का पूरा टैक्स फ्री होगा।
इसके अलावा स्टैंडर्ड डिडक्शन 50 हजार रुपए किया गया। टैक्स में छूट से मध्यम वर्ग के 3 करोड़ लोगों को फायदा मिलेगा। महिलाओं को बैक में 40 हजार तक के ब्याज पर नहीं लगेगा कोई टैक्स।
दरअसल 2014 से अब तक किसी भी बजट में इनकम टैक्स की लिमिट नहीं बढ़ाई गई थी। नतीजा लोगों को हर साल इनकम टैक्स में छूट मिलने का काफी इंतजार रहता था। इस बार भी कामकाजी लोगों को इनकम टैक्स स्लैब में बढ़ोतरी की उम्मीदे थी। चुनावी वर्ष होने के नाते उम्मीद भी थी कि सरकार इनकम टैक्स लिमिट में मामूली ही सही लेकिन राहत जरूर दे सकती है लेकिन सरकार ने इनकम टैक्स स्लैब ढाई लाख से बढ़ाकर पांच लाख की दी है।
जय किसान : मोदी सरकार के चुनावी बजट का फायदा अधिकतर वर्गों को देने की कोशिश की गई है। खासतौर पर किसानों की नाराजगी झेल रही मोदी सरकार ने उन्हें खुश करने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की घोषणा की है। इसमें दो हेक्टेयर (करीब 5 एकड़) तक की जमीन वाले किसान को हर साल 6 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी। ये राशि सीधे किसानों के खाते में आएगी।
दावा किया जा रहा है कि करीब 12 करोड़ किसान परिवारों को फायदा होगा। ये योजना 1 दिसंबर 2018 से लागू की जा रही है। इसके अंतर्गत दो हजार रुपए की पहली किस्त जल्द ही किसानों की सूचियां बनाकर उनके खातों में डाली जाएगी। योजना से सरकार पर हर साल 75 हजार करोड़ रुपए का भार आएगा।
प्राकृतिक आपदा से प्रभावित होने वाले सभी किसानों का 2 फीसदी ब्याज और समय पर कर्ज लौटाने पर तीन फीसदी अतिरिक्त ब्याज माफी का फायदा मिलेगा। इस तरह उन्हें ब्याज में 5 फीसदी की छूट मिलेगी।
इसी तरह खेती के अलावा मछली पालन के लिए अलग विभाग बनेगा। पशुपालन और मछली पालन करने वाले किसानों को भी क्रेडिट कार्ड के जरिए लिए जाने वाले कर्ज के ब्याज में दो फीसदी ब्याज की छूट दी जाएगी।
मजदूर को मजबूत बनाने की कवायद : घरेलू कामगारों को 60 वर्ष की उम्र पूरी करने के बाद तीन हजार रुपए प्रति महीने की पेंशन मिलेगी। सरकार श्रमिक के पेंशन अकाउंट में बराबर का योगदान देगी। असंगठित क्षेत्रों के लोगों को इस योजना का लाभ मिलेगा। इस स्कीम के लिए 500 करोड़ रुपए देंगे। हर श्रमिक के लिए न्यूनतम पेंशन अब एक हजार रुपए हो चुकी है।
सबका विकास: गरीबों के लिए सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 10 फीसदी का आरक्षण लागू होने से दूसरे आरक्षित वर्गों पर असर न पड़े इसके लिए संस्थानों में करीब 2 लाख सीटें उपलब्ध कराई जाएंगी।
हर पेट को मिले भोजन: सभी को अनाज मिले और किसी को भी भूखे पेट नहीं सोना पड़े। मनरेगा के लिए भी 60 हजार करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है।
उजाला कायम रहे : सरकार सौभाग्य योजना के तहत मार्च 2019 तक सभी परिवारों को बिजली का कनेक्शन मिलेगा।
सिर उठा के जियो : नई पेंशन स्कीम में सरकार के योगदान को 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया है। जो लोग 21 हजार रुपए प्रतिमाह कमाते हैं उन्हें बोनस मिलेगा। यह बोनस 7 हजार रुपए किया। ग्रैच्युटी की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपए की गई है।
मंहगाई रोकने का दावा : पियूष गोयल ने कहा कि हमारी सरकार ने कमरतोड़ महंगाई की कमर ही तोड़ दी। हम महंगाई दर को 4.6% तक ले आए। दिसंबर 2018 में सिर्फ 2.19% महंगाई दर रही।