पिछले कुछ महीनों में मारुति सुजुकी, टोयोटा और होंडा सिटी ने बाजार हाइब्रिड कारें लांच की हैं। इलेक्ट्रिक गाड़ियों के बीच ग्राहकों के लिए हाइब्रिड कारें एक नई पसंद बनकर उभरी हैं। कंपनियां इलेक्ट्रिक कारें भी बाजार में लगातार लांच कर रही हैं। आइए जानते हैं इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कारों में अंतर और माइलेज।
क्या होती है हाइब्रिड कार : हाइब्रिड कार एक सामान्य कार की तरह होती है, लेकिन इसमें एक से अधिक पावर सोर्स रहते हैं। हाइब्रिड कारें तीन तरह की आती हैं- माइल्ड हाइब्रिड, स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड या फुल हाइब्रिड और प्लग-इन हाइब्रिड। इसका इंजन पेट्रोल और डीजल दोनों पर काम करता है। आवश्यकता पड़ने पर इसे इलेक्ट्रिक मोटर की सहायता से चलाया जा सकता है। इसकी कारें पेट्रोल-डीजल के मुकाबले काफी ईको-फ्रेंडली होती हैं।
तीनों तरह की सुविधा होने से गाड़ी चलाने में कम ईंधन खर्च होता है और ज्यादा माइलेज मिलता है। ये सेल्फ चार्जिंग टेक्नोलॉजी रिजनरेटिव ब्रेकिंग पर काम करती है। इसके चलते ब्रेकिंग के समय यह बैटरी चार्ज करने में भी सहायता करती है। इस कार की जो सबसे अच्छी बात है यह इलेक्ट्रिक कार की तुलना में सस्ती होती है। अगर अचानक से मेन इंजन बंद हो जाता है तो 'AC' बैटरी से इसे चलाया जा सकता है।
इलेक्ट्रॉनिक की तुलना में माइलेज और कीमत : हाइब्रिड कार की कीमत इलेक्ट्रिक कार की तुलना में कम होती है, लेकिन चलाने का कॉस्ट तीन गुना ज्यादा है। अगर आप इलेक्ट्रिक कार चलाते हैं तो आपको एक यूनिट खर्च करने पर गाड़ी करीब 10 किलोमीटर तक की रेंज दे देती है। अगर Nexon की ही बात करें तो आपका प्रति किलोमीटर खर्च 1 रुपए पड़ता है। अगर आप मारुति सुजुकी की ग्रैंड विटारा ब्रेजा की बात करें तो यह 27.95kmpl की माइलेज देती है।
इस समय पेट्रोल की कीमत 100 रुपए के पार है। ऐसे में आपको 3 रुपए प्रति किलोमीटर से अधिक का खर्च करना पड़ जाएगा। हालांकि इसकी कीमत 9.50 लाख से शुरू है जबकि नेक्सन की कीमत 15 लाख रुपए के करीब है। अब सवाल उठता है कि माइलेज के मामले में हाइब्रिड कारें, इलेक्ट्रॉनिक कारों को किस तरह से पीछे छोड़ पाएंगी।