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क्या आप भी शुभांशु शुक्ला की तरह एस्ट्रोनॉट बनना चाहते हैं, जानिए अंतरिक्ष में जाने के लिए किस डिग्री और योग्यता की है जरूरत

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WD Feature Desk

, सोमवार, 30 जून 2025 (16:42 IST)
how to become an astronaut: क्या अंतरिक्ष आपको भी रोमांचित करता है? क्या आपको भी ये जानने की जिज्ञासा होती है कि अंतरिक्ष में तैरना कैसा अनुभव होगा और वहां से चांद, तारे और ग्रह कैसे दिखाई देते होंगे? हाल ही में भारत के शुभांशु शुक्ला की कहानी ने कई लोगों के अंतरिक्ष के सपने को हकीकत में बदलने की दी  है। शुभांशु जैसे कई युवा हैं जो अंतरिक्ष में जाने का सपना देखते हैं। यह लेख उनके लिए बहुत उपयोगी है। इस लेख में आओ जानेंगे कि कैसे आप 12वीं के बाद एस्ट्रोनॉट बनने का अपना सपना पूरा कर सकते हैं और इस क्षेत्र में क्या-क्या नौकरी के अवसर उपलब्ध हैं।

12वीं के बाद एस्ट्रोनॉट कैसे बनें?
एस्ट्रोनॉट बनने का रास्ता लंबा और चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन असंभव नहीं। 12वीं के बाद आपको सही दिशा में कदम बढ़ाने होंगे।
विज्ञान स्ट्रीम चुनें: सबसे पहले, 12वीं में आपको भौतिक विज्ञान (Physics), रसायन विज्ञान (Chemistry) और गणित (Mathematics) के साथ विज्ञान स्ट्रीम का चुनाव करना होगा। यह आपके लिए आगे की पढ़ाई का आधार तैयार करेगा।
इंजीनियरिंग या संबंधित क्षेत्र में स्नातक: एस्ट्रोनॉट बनने के लिए आमतौर पर इंजीनियरिंग (Engineering), गणित (Mathematics), कंप्यूटर विज्ञान (Computer Science), जैविक विज्ञान (Biological Sciences) या भौतिक विज्ञान (Physical Sciences) में स्नातक की डिग्री (Graduation) होना आवश्यक है। एयरोस्पेस इंजीनियरिंग (Aerospace Engineering) या एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग (Aeronautical Engineering) जैसी विशेषज्ञताएँ आपको और भी लाभ दे सकती हैं। भारत में आप आईआईटी (IIT), एनआईटी (NIT) और अन्य प्रमुख इंजीनियरिंग कॉलेजों से अपनी डिग्री प्राप्त कर सकते हैं।
उच्च शिक्षा और अनुसंधान: स्नातक के बाद, मास्टर्स (Masters) या पीएच।डी। (Ph।D।) जैसी उच्च शिक्षा प्राप्त करना आपके लिए फायदेमंद होगा। यह आपको विशिष्ट क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल करने में मदद करेगा और आपके बायोडाटा को मजबूत करेगा।
अनुभव प्राप्त करें: अंतरिक्ष से संबंधित क्षेत्रों में अनुभव (Experience) प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। इसमें पायलट (Pilot) बनना, अनुसंधान वैज्ञानिक (Research Scientist) के रूप में काम करना, या सैन्य पृष्ठभूमि से होना शामिल हो सकता है।
शारीरिक और मानसिक फिटनेस: एस्ट्रोनॉट बनने के लिए उत्कृष्ट शारीरिक फिटनेस (Physical Fitness) और मानसिक दृढ़ता (Mental Fortitude) अत्यंत आवश्यक है। आपको कठोर प्रशिक्षण से गुजरना होगा और दबाव में काम करने की क्षमता होनी चाहिए।
अंतरिक्ष एजेंसियों में आवेदन: जब आप आवश्यक योग्यता और अनुभव प्राप्त कर लेते हैं, तो आप नासा (NASA), इसरो (ISRO), यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (European Space Agency - ESA), या रूस की रोस्कोस्मोस (Roscosmos) जैसी अंतरिक्ष एजेंसियों द्वारा जारी किए गए एस्ट्रोनॉट चयन कार्यक्रमों के लिए आवेदन कर सकते हैं।

एस्ट्रोनॉट के लिए नौकरी के अवसर (Job Opportunities for Astronauts)
एस्ट्रोनॉट बनने के अलावा भी अंतरिक्ष उद्योग में कई रोमांचक नौकरी के अवसर (Job Opportunities) हैं:
एयरोस्पेस इंजीनियर (Aerospace Engineer): अंतरिक्ष यानों, उपग्रहों और रॉकेटों को डिजाइन और विकसित करते हैं।
वैज्ञानिक (Scientist): अंतरिक्ष अनुसंधान में संलग्न होते हैं, जैसे खगोल भौतिकीविद् (Astrophysicists), भूविज्ञानी (Geologists), और जीवविज्ञानी (Biologists)।
मिशन कंट्रोलर (Mission Controller): अंतरिक्ष मिशनों की निगरानी और प्रबंधन करते हैं।
डेटा एनालिस्ट (Data Analyst): अंतरिक्ष मिशनों से प्राप्त डेटा का विश्लेषण करते हैं।
तकनीशियन (Technician): अंतरिक्ष उपकरणों के रखरखाव और मरम्मत का काम करते हैं।
पायलट (Pilot): परीक्षण पायलट के रूप में या विभिन्न एयरोस्पेस परियोजनाओं में काम कर सकते हैं।
भारत में इसरो (ISRO), रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO), और कई निजी एयरोस्पेस कंपनियां जैसे स्काईरूट एयरोस्पेस (Skyroot Aerospace) और अग्निकुल कॉसमॉस (Agnikul Cosmos) इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर प्रदान करती हैं।

कितनी  होती है एस्ट्रोनॉट की सैलरी (Astronaut Salary in Hindi)
एक अंतरिक्ष यात्री का वेतन अनुभव, देश और एजेंसी के आधार पर अलग-अलग होता है। अमेरिका में नासा के अंतरिक्ष यात्री अपने ग्रेड और अनुभव स्तर (GS-12 से GS-14) के आधार पर प्रति वर्ष 66,000 से 160,000 डाॅलर के बीच सैलरी होती है। भारत में ISRO के अंतरिक्ष यात्री प्रति वर्ष लगभग 15 से 25 लाख सैलरी होती है। साथ ही आवास, बीमा और यात्रा जैसे अतिरिक्त भत्ते और लाभ भी पा सकते हैं।
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