how to become lieutenant in indian army: भारतीय सेना, देश की शान और गौरव का प्रतीक है। इसमें शामिल होना हर युवा का सपना होता है। इंडियन आर्मी में लेफ्टिनेंट की पोस्ट बेहद शानदार और प्रतिष्ठित मानी जाती है। यह सिर्फ एक पद नहीं, बल्कि एक ज़िम्मेदारी, सम्मान और देश सेवा का अवसर है। लेफ्टिनेंट पद पर चयनित कैंडिडेट्स को न सिर्फ शानदार सैलरी मिलती है, बल्कि इसके साथ कई आकर्षक भत्ते और सुविधाएं भी मिलती हैं। आइए, जानते हैं कि भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कैसे बनते हैं, उनकी सैलरी क्या होती है, और उन्हें कौन-कौन से स्पेशल अलाउंस मिलते हैं।
भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट: शुरुआती अधिकारी पद
लेफ्टिनेंट भारतीय सेना में शुरुआती रैंकिंग वाला अधिकारी होता है। यह एक ऐसा पद है जहां से नेतृत्व और प्रबंधन के गुण विकसित होते हैं। एक लेफ्टिनेंट आमतौर पर 40 से 60 अधीनस्थ या सैनिकों की एक इकाई का प्रभारी होता है, जो सीधे उसे रिपोर्ट करते हैं। इस पद पर रहते हुए एक लेफ्टिनेंट को अपनी टुकड़ी का नेतृत्व करना होता है, उन्हें प्रशिक्षित करना होता है और विभिन्न अभियानों में उनका मार्गदर्शन करना होता है। यह एक चुनौतीपूर्ण लेकिन बेहद संतोषजनक भूमिका है।
ऐसे बनते हैं भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट
भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनने के कई रास्ते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं:
1. NDA (राष्ट्रीय रक्षा अकादमी): 12वीं के बाद किसी भी स्ट्रीम के छात्र NDA की परीक्षा दे सकते हैं। इसमें लिखित परीक्षा, एसएसबी (सेवा चयन बोर्ड) इंटरव्यू और मेडिकल टेस्ट शामिल होता है। NDA के लिए आयु सीमा 16.5 से 19.5 वर्ष होती है। NDA में तीन साल की ट्रेनिंग के बाद, कैडेट्स को भारतीय सैन्य अकादमी (IMA), देहरादून भेजा जाता है, जहां एक साल की ट्रेनिंग के बाद वे लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशन होते हैं।
2. CDS (संयुक्त रक्षा सेवा) परीक्षा: ग्रेजुएशन कर चुके युवा CDS परीक्षा के माध्यम से भी भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन सकते हैं। यह परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित की जाती है। इसमें लिखित परीक्षा, एसएसबी इंटरव्यू और मेडिकल टेस्ट होता है। CDS के माध्यम से IMA, OTA (अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी), चेन्नई में प्रशिक्षण के बाद अधिकारी बनते हैं।
3. टेक्निकल एंट्री स्कीम (TES): 12वीं पास छात्र जिनके पास फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स विषय होते हैं, वे TES के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसमें सीधे एसएसबी इंटरव्यू होता है, और चयनित उम्मीदवारों को चार साल की इंजीनियरिंग डिग्री और एक साल की प्री-कमीशन ट्रेनिंग के बाद लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशन मिलता है।
4. NCC स्पेशल एंट्री स्कीम: जिन उम्मीदवारों के पास NCC का 'सी' सर्टिफिकेट होता है, वे बिना लिखित परीक्षा के सीधे एसएसबी इंटरव्यू के माध्यम से अधिकारी बन सकते हैं।
लेफ्टिनेंट की सैलरी और आकर्षक भत्ते
लेफ्टिनेंट के रूप में काम कर रहे अधिकारियों को न केवल अच्छा वेतन बल्कि कई आकर्षक भत्ते भी दिए जाते हैं। लेफ्टिनेंट का वेतनमान 7वें वेतन आयोग के अनुसार लेवल 10 में आता है, जिसकी मूल सैलरी ₹56,100 से लेकर 1,77,500 रुपये तक होती है। अनुभव और सेवा के साथ इसमें वृद्धि होती है।
सैलरी के अलावा मिलने वाले स्पेशल अलाउंस और अन्य लाभ:
• महंगाई भत्ता (DA): यह सरकार द्वारा समय-समय पर घोषित किया जाता है।
• सैन्य सेवा वेतन (MSP): यह सभी सैन्य अधिकारियों को मिलता है।
• फील्ड एरिया अलाउंस/हाई एल्टीट्यूड अलाउंस: दुर्गम या जोखिम भरे इलाकों में तैनात अधिकारियों को मिलता है।
• यूनिफॉर्म अलाउंस: वर्दी के लिए सालाना भत्ता।
• राशन मनी अलाउंस: भोजन के लिए भत्ता।
• ट्रांसपोर्ट अलाउंस: यात्रा के लिए।
• हाउस रेंट अलाउंस (HRA): यदि सरकारी आवास उपलब्ध न हो तो।
• स्वास्थ्य बीमा: CGHS (केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना) के तहत चिकित्सा सुविधाएं।
• आवास और परिवहन छूट: सेना द्वारा उपलब्ध कराई गई सुविधाएं।
• पीएफ (भविष्य निधि) और पेंशन: सेवानिवृत्ति के बाद सुरक्षा।
• बच्चों की शिक्षा के लिए भत्ते: बच्चों की पढ़ाई के लिए सहायता।
इसके अलावा, लेफ्टिनेंट को तय समय-सीमा में वेतन वृद्धि और पदोन्नति भी मिलती है, जिससे वे कैप्टन, मेजर, लेफ्टिनेंट कर्नल और उससे भी ऊंचे पदों तक पहुंच सकते हैं। भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट का पद सिर्फ एक नौकरी नहीं, बल्कि देश की सेवा और गौरवशाली परंपरा का हिस्सा बनने का एक अवसर है।