आप अपने बच्चे की स्कूल में सुरक्षा को लेकर कितने सजग हैं? अगर नहीं हैं तो जान लीजिए पूरी तरह से स्कूल के भरोसे अपने बच्चे को छोड़ देना आपकी लापरवाही ही कहलाएगा। आप कहेंगे कि यह तो स्कूल प्रिंसिपल और स्कूल मैनेजमेंट का काम है तो आप गलत है। स्कूल में आप कैसे बच्चे की सुरक्षा कर सकते हैं, तो जवाब है कि ऐसा संभव है और इसका जवाब भी तैयार है।
हाल ही में इंटरनेट पर एक बच्ची की मां की पोस्ट जबरदस्त वायरल हुई। इस पोस्ट में बच्ची की मां ने अपनी बेटी को बाथरूम में कुछ करते देखा, पूछने पर उसने बताया कि वह किसी संभावित हमले से बचने के सुरक्षा उपायों पर अमल कर रही है। स्कूल में हमले भले ही आपके दिमाग में न हों परंतु ऐसी कई घटनाएं हो सकती हैं जिनसे अपने बच्चों को आप ही बचा सकते हैं। इस बारे में हमारा तो यही कहना है कि माता-पिता को स्कूल की सुरक्षा को लेकर सजग होना चाहिये। बच्चे को पूरे तरीके से स्कूल के भरोसे छोडऩा ठीक नही है। वेबदुनिया के अनुसार आइये हम आपको बताते हैं कि स्कूल में आप अपने बच्चे को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं।
अगले पेज पर जानिए क्या है पहला उपाय....
अपने बच्चे के स्कूल के इमरजेंसी प्लान का पता लगाएं : हर स्कूल का सुरक्षातंत्र होता है। जिसमें सुरक्षा उपाय, सुरक्षित निकास, सुरक्षा की वस्तुएं, विशेषज्ञ और खास नंबर शामिल हैं।
अपने बच्चे के स्कूल जाकर इनकी जानकारी लें। अगर आपको कोई कमी लगती है तो स्कूल को इसमें सुधार करने की ताकीद करें। थोड़े दिन बाद जाकर इस पर हुए अमल की जानकारी लें।
अगले पेज पर बच्चे से करें इस बारे में बात ...
अपने बच्चे को सुरक्षा उपायों से परिचित करवाएं : अगर आपके बच्चे के स्कूल में जरूरत के मुताबिक सुरक्षा उपाय किए जा रहे हैं तो अपने बच्चे को अपने साथ ले जाकर कुछ जरूरी जगहें और उपाय समझाएं। उन्हें बताएं कि जरूरत पड़ने पर उन्हें बिना किसी की सलाह के इन उपायों को खुद से अपनाना पड़ सकता है।
बच्चे को बताएं कि ऐसी किसी जरूरत पर उन्हें तुरंत हरकत में आना है। कई बार ऐसा हो सकता है कि बच्चे को स्वयं ही अपनी सुरक्षा करनी पड़े। उसे इसके लिए तैयार करें।
अगले पेज पर स्कूल वालों को करें इसके लिए ताकीद...
स्कूल में मॉक सुरक्षा उपायों के प्रदर्शन की सलाह दें : ऐसे मौके जब स्कूल और छात्रों को विषम परिस्थितियों में तुरंत फैसले लेने पड़े, कह कर नहीं आते। अपने बच्चे के स्कूल में जाकर उन्हें कहे कि वे ऐसे मॉक (प्रयोगात्मक) घटनाएं स्कूल में करें जिससे स्कूल की तैयारी की परीक्षा हो सके। साथ ही बच्चे भी इसके लिए तैयार रहें।
इस तरह के प्रयोग हल्के स्तर से शुरू किए जा सकते हैं। जिसमें बच्चों को निकलने का रास्ता, खतरे में अनुशासन बनाए रखने की शिक्षा और मिलजुल कर काम करने की ट्रेनिंग दी जाना बेहद जरूरी है।
अगले पेज पर बच्चे को यह दिखा दें...
बच्चे को स्कूल से घर का रास्ता कई बार दिखाएं : अगर बच्चा थोड़ा बड़ा और समझदार है तो उसे घर तक पहुंचना जरूर समझाएं। ऐसी जरूरत में बच्चे को क्या सलाह देनी है यह आप बेहतर जानते हैं। इसके अलावा उन्हें जरूरी सभी नंबर दें।
इन नंबरों में पुलिस, अस्पताल, माता-पिता, भरोसेमंद पहचान वाले, स्कूल के शिक्षक और पड़ोसियों का नंबर शामिल हैं। बच्चों की बस के रूट की जानकारी रखें।
अगले पेज पर स्वास्थ्य पर दें ध्यान इस तरह...
अपने बच्चे की स्वास्थ्य समस्याएं स्कूल में पहले से बताएं : अगर आपका बच्चा किसी ऐसी स्वास्थ्य समस्या से ग्रसित है जिसका पता उसके आसपास होने वाले लोगों को होना चाहिए तो स्कूल में इसकी जानकारी अवश्य दें।
किसी प्रकार की एलर्जी, सांस फूलना, घबरा जाना, अंगों में कोई कमी या शर्मीला होने पर भी स्कूल में पहले से बताएं। उसके शिक्षकों से इस बारे में बात करें और इस पर स्थिति सुधारने की चर्चा भी करें।
अगले पेज पर बस के ड्राइवर की इस बात का पता लगाएं...
यातायात संबंधी जानकारी रखें : अगर आपका बच्चा स्कूल बस या अन्य किसी माध्यम से जाता है तो इसके बारे में चौंकन्ने रहे। अपने बच्चे से लगातार बस या अन्य वाहन में होने पर माहौल के बारे में पूछते रहे।
बस के ड्राइवर, कंडक्टर से मिलें और उन्हें बच्चे को सुरक्षित बस में चढ़ाने और उतारने की जिम्मेदारी सौंपे। उनका मोबाइल नंबर जरूर लें। उन्हें अपना नंबर जरूर दें। अगर किसी दिन बस पर ड्राइवर या कंडक्टर या दोनों ही अनजान हों तो स्कूल में इसकी सूचना दें। अपने बच्चे को भी समझा दें कि ऐसे में आपको तुरंत बताएं।
इस तरह के आसान उपाय और जागरूकता से आप अपने बच्चे की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।