रायपुर। देश के सबसे ताकतवार सियासी गांधी परिवार और मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ की सियासत में सबसे चर्चित जोगी परिवार के बीच 30 साल से अधिक तक चले संबंध अब खत्म होने की कगार पर है। 80 के दशक में इंदौर में अजीत जोगी के कलेक्टर पद पर रहते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी से जो रिश्ते बने थे वो कोई सामान्य रिश्ते नहीं थे।
राजीव गांधी से घनिष्ठता के चलते अजीत जोगी देखते ही देखते एक नौकरशाह से सूबे के साथ-साथ देश के सियासी फलक पर सबसे शक्तिशाली नेताओं में शुमार हो गए हैं। गांधी परिवार की घनिष्ठता के चलते ही अजीत जोगी छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री बने। लेकिन पिछले दस सालों में जैसे जैसे कांग्रेस में शीर्ष नेतृत्व पर तेजी से बदलाव हुआ।
वैसे छत्तीसगढ़ की सियासत में अजीत जोगी खुद सकारात्मक खबरों की जगह नकारात्मक खबरों से चर्चा में रहे। अजीत जोगी और कांग्रेस में दूरियां बढ़ने लगी। ये रिश्ते इतने खराब हो गए कि 2016 में अजीत जोगी ने अपनी नई पार्टी बना ली। पति के अलग पार्टी बनाने के बाद भी अजीत जोगी की पत्नी रेणु जोगी कांग्रेस में रही है लेकिन रेणु जोगी अब नाम की ही कांग्रेस में थी।
कांग्रेस की रेणु जोगी से दिन प्रति दिन दूरियां बनाने की खबरें रोज मीडिया की सुर्खियां बनती रहीं। आखिरकार वो समय आ ही गया। जब सूबे के सबसे शक्तिशाली सियासी परिवार में शामिल किए जाने वाले जोगी परिवार का कांग्रेस से 30 साल पुराने संबंध औपचारिक रूप से खत्म हो गए।
कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए जो अपनी आखिरी सूची जारी की। उसमे कोटा विधानसभा सीट से रेणु जोगी की जगह विभोर सिंह का पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों की इस सूची के आने के साथ ही रेणु जोगी के पति और जकाछं के अध्यक्ष अजीत जोगी ने इस बात का ऐलान कर दिया कि रेणु जोगी कोटा से जोगी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ेगी।
वहीं रेणु जोगी ने कांग्रेस से टिकट न मिलने पर मीडिया से बात करते हुए दुख जताते हुए कहा कि वो टिकट न मिलने से हैरान है। रेणु जोगी ने सोनिया गांधी को एक भावुक पत्र लिखा है। इस खत में उन्होंने गांधी परिवार से अपने तीन दशकों के संबंधों का हवाला दिया है।
रेणु जोगी ने प्रतिकूल परिस्थितियों में भी साथ देने के लिए सोनिया गांधी का शुकिया अदा किया है। साथ ही ये भी याद दिलाया है कि जब उनके पति अजीत जोगी अपमानित होकर कांग्रेस से बाहर निकले और अलग पार्टी बनाई तब भी उन्होंने कांग्रेस और गांधी परिवार को अपने परिवार से उपर रखा और कांग्रेस की सेवा करती रहीं।
खत में रेणु जोगी ने इस बात की शिकायत भी की है कि पिछले दो साल में छत्तीसगढ़ कांग्रेस में बार बार अपमानित किया जाता रहा। उनके खिलाफ गलत खबरें चलवाई गई। कांग्रेस की बैठकों में नहीं बुलाया गया। इसके साथ ही सदन के उपनेता पद से भी हटा दिया गया।
रेणु जोगी ने अपने पत्र में अपने पति का बचाव करते हुए लिखती है कि पति अजीत जोगी और बेटे अमित जोगी के खिलाफ फर्जी सीडी लाई गई। लेकिन कांग्रेस और गांधी परिवार के रिश्तों के कारण वो चुप रहीं। पत्र में सोनिया गांधी के लिए रेणु जोगी ने लिखा है कि शायद वो विवश हैं। इसलिए सही गलत का निर्णय लेने में उनसे देरी हुई है।
खत के आखिर में रेणु जोगी ने सोनिया गांधी से स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना की है और उम्मीद जताई है कि उनके कांग्रेस छोड़ने के बावजूद गांधी परिवार से उनके संबंध वैसे ही रहेंगे जैसे पिछले तीन दशकों से है।