बर्मिंघम। पहलवानों की तरह ही भारतीय मुक्केबाज भी कॉमनवेल्थ गेम्स में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। मौजूदा विश्व चैम्पियन मुक्केबाज निकहत जरीन, अमित पंघाल, सागर और नीतू गंघास ने राष्ट्रमंडल खेलों की अपनी स्पर्धाओं के फाइनल में पहुंच गए हैं। वहीं जैसमीन, हुसामुद्दीन और रोहित टोकस ने सेमीफाइनल में हारकर कांस्य पदक जीता।
निकहत ने लाइट फ्लाईवेट (48-50 किग्रा) के एकतरफा सेमीफाइनल में इंग्लैंड स्टबले अलफिया सवानाह को 5-0 के हराया। 26 साल की इस मुक्केबाज ने अपना दबदबा जारी रखते हुए तीनों दौर में सर्वाधिक अंक जुटाये। फाइनल में उनका सामना उत्तरी आयरलैंड की कार्ले मैकनॉल से होगा।
अमित पंघाल ने पुरूषों की फ्लाईवेट (48-51 किग्रा) स्पर्धा में शानदार प्रदर्शन के बूते राष्ट्रमंडल खेलों में लगातार फाइनल में प्रवेश किया। पिछली बार उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा था जिससे इस बार वह पदक का रंग बदलना चाहेंगे। उन्होंने सेमीफाइनल में जिम्बाब्वे के पैट्रिक चिनयेम्बा को सर्वसम्मत फैसले में 5-0 से पराजित किया। फाइनल में उनका सामना इंग्लैंड के मैकडोनल्ड कियारान से होगा।
हरियाणा के सागर ने पुरूषों के सुपर हेवीवेट (+91 किग्रा) वर्ग के सेमीफाइनल में नाईजीरिया के इफीनी ओनयेकवेरे को 5-0 के सर्वसम्मत फैसले से हराकर कम से कम रजत पदक पक्का किया। फाइनल में उनका सामना इंग्लैंड के डेलिसियस ओरी से होगा।
नीतू (45-48 किग्रा) अपने पहले ही राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक मुकाबले में पहुंच गईं। उन्होंने मिनिममवेट वर्ग के सेमीफाइनल में कनाडा की प्रियंका ढिल्लों को आरएससी (रैफरी द्वरा मुकाबला रोकना) से पराजित कर अपना रजत पदक पक्का किया।
वहीं 26 साल के पंघाल पर उनके आक्रामक प्रतिद्वंद्वी ने शुरू में ही मुक्कों की बरसात कर दी जिससे विश्व चैम्पियनशिप का रजत पदक मुक्केबाज शुरुआती राउंड में 2-3 से पिछड़ गया था।
लेकिन तोक्यो ओलंपिक के निराशाजनक प्रदर्शन को पीछे छोड़ने की कोशिश में जुटे पंघाल ने अपने अनुभव का फायदा उठाकर अपनी मर्जी के मुताबिक हुक्स और जैब्स लगाने के बाद प्रतिद्वंद्वी को हावी होने का मौका नहीं दिया और जजों ने भारतीय मुक्केबाज के पक्ष में फैसला दिया।
जैसमीन लाइटवेट (57-60 किग्रा) स्पर्धा के सेमीफाइनल में इंग्लैंड की जेमा पेज रिचर्डसन से 2-3 से हार गई जिससे उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। रोहित को पुरुष वेल्टरवेट (63.5 किग्रा-67 किग्रा) के सेमीफाइनल में जाम्बिया के स्टिफेन जिंबा ने 3-2 के खंडित फैसले से हराया। मोहम्मद हुसामुद्दीन पुरुष फेदरवेट (57 किग्रा) को सेमीफाइनल में घाना के जोसेफ कोमे ने 4-1 के खंडित फैसले से मात दी।
उल्लेखनीय है कि मुक्केबाजों की तरह ही भारतीय पहलवानों पर भी पदकों की बारिश हो रही है। वे प्रतियोगिता में देश के लिए 6 गोल्ड जीत चुके हैं।