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इंदौर में 127 नए Corona मरीज मिले, संक्रमितों का आंकड़ा 7 हजार के करीब, जोन 2 होगा गुलजार

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, सोमवार, 27 जुलाई 2020 (01:35 IST)
इंदौर। शहर में भले ही मौत का सिलसिला रविवार को थम जरूर गया लेकिन नए मरीजों की तेज रफ्तार चिंता का सबब बनी हुई है। 127 नए कोरोनावायरस (Coronavirus) के संक्रमित मिलने से कुल आंकड़ा 7 हजार के नजदीक पहुंच गया है। सोमवार से जोन 2 के सभी बाजार खुलने जा रहे हैं। रक्षाबंधन का त्योहार सिर पर आ गया है, ऐसे में सावधानी नहीं बरती गई तो प्रदेश का यह महानगर नई मुसीबत में फंस जाएगा।
 
कोरोना का अपडेट : रविवार को प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पूर्णिमा गाडरिया के अनुसार 1445 टेस्ट की जांच रिपोर्ट में 127 पॉजिटिव मरीज मिले जबकि 1301 की रिपोर्ट निगेटिव आई। शहर में कुल कोरोना पॉजिटिव मरीज 6985 हो गए हैं। किसी मरीज की मौत नहीं हुई और मौत का आंकड़ा 304 पर थमा रहा। 39 मरीज स्वस्थ हुए। अब तक 4699 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं जबकि 1982 मरीजों का उपचार जारी है।
 
सोमवार से बाजार गुलजार : जिला आपदा प्रबंधन समिति ने सोमवार से जोन 2 और 3 में आने वाले सभी बाजारों को सुबह 7 बजे से रात 8 बजे तक खोलने का जो फैसला लिया था, उससे शहर के चरमरा गए व्यापार-व्यवसाय को कुछ राहत मिलेगी। खासकर उन गरीबों को जो राखी का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, ताकि उनकी आर्थिक स्थिति में कुछ सुधार हो सके। जोन 2 व 3 में लेफ्ट और राइट दोनों तरफ की दुकानें खुली रहेंगी जबकि जोन 1 (मध्य क्षेत्र) में  लेफ्ट और राइट दुकानों को खोलने की बंदिशें जारी रहेंगी।
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मिल क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौती : सोमवार से मिल क्षेत्र खासकर मालवा मिल, पाटनीपुरा, परदेशीपुरा के इलाकों में सबसे बड़ी चुनौती मिलेगी। मालवा मिल और पाटनीपुरा से भमोरी के पुल तक सड़क किनारे न केवल ठेले लगते हैं बल्कि फुटपाथ पर लोग व्यवसाय करते है। नगर निगम की नकेल कसने के बाद इन क्षेत्रों के लोगों ने यदि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया तो खतरा बढ़ सकता है।
 
जोन 1 को नहीं खोलने से असंतोष बरकरार : शहर के मध्य क्षेत्र को पूरी तरह नहीं खोले जाने से व्यापारियों में असंतोष बरकरार है। वे पहले ही धमकी दे चुके हैं कि यदि उन्हें राहत नहीं मिली तो वे प्रशासन से सीधी टक्कर लेंगे। उनका कहना है कि यदि जोन 1 खोला जाता है तो 4 हजार करोड़ का व्यवसाय हो सकता है। सनद रहे कि मध्य क्षेत्र में 7 प्रमुख बाजारों सराफा, कपड़ा मार्केट, बर्तन बाजार, मारोठिया, राजबाड़ा और सियागंज में 5 हजार 720 दुकानें हैं।
 
राजबाड़ा पर लगती हैं राखी की दुकानें : रक्षाबंधन के त्योहार को देखते हुए शहर के दिल कहे जाने वाले राजबाड़ा पर सड़क पर दुकान लगाकर राखी और अन्य पूजा का सामान बेचने वाले काफी निराश हैं क्योंकि फुटपाथ पर दुकान सजाकर माल बेचने से ही उनके घर का चूल्हा जलता है। रिवर साइड रोड पर भी राखी की दुकानें लगती हैं। साथ ही साथ किशनपुरा पुल के दोनों तरफ से लेकर शिवाजी मार्केट तक सड़क पर सामान बेचने वालों की संख्या बहुत बड़ी है। ये सभी बहुत गरीब तबके से आते हैं।
 
जिला प्रशासन की मजबूरी : जिला प्रशासन की मजबूरी यह है कि वह खुद फैसले नहीं ले रहा है बल्कि जिला आपदा प्रबंधन समिति के फैसलों को पालन करवा रहा है। शहर में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले प्रशासन की नींद उड़ा रहे हैं। जिला प्रशासन नगर निगम को ठेले वालों पर सख्ती करने का आदेश देकर उसके परिणाम भुगत चुका है, जहां तमाम जन प्रतिनिधि गरीब और मजलूमों के साथ खड़े हो गए थे और यहां तक कि वे अपनी ही सरकार के खिलाफ आंदोलन करने की अगुवाई करने की भी धमकी दे चुके हैं।
 
शहर के चारों तरफ पुलिस चेकिंग : शहर का शायद ही ऐसा कोई चौराहा बचा होगा, जहां पुलिस चेकिंग नहीं कर रही हो। एकाएक इतने चौराहों पर चेकिंग से शहरवासी भी हतप्रभ हैं। हैरत तो यह है कि इतनी चेकिंग के बाद भी यकायक बढ़े अपराधों पर नकेल कसने में वह नाकाम ही हो रही है।

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