दुनियाभर में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच देश में नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने चिंता जाहिर करते कहा कि अगर हम ब्रिटेन में ओमिक्रॉन के संक्रमण का पैमाना देखें और भारत की आबादी से उसकी तुलना करें तो कहा जा सकता है कि संक्रमण फैलने पर भारत में रोजाना 14 लाख केस आएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि हर केस की जीनोम सीक्वेंसिग नहीं की जा सकेगी।
उन्होंने कहा कि कोरोना के बढ़ते केस के लिए ओमिक्रॉन संक्रमण माना जा रहा है, लेकिन यह इसे लेकर अभी सारी बातें साफ नहीं हुई हैं। इस पर रिसर्च जारी है और सरकार सभी नए डेवलपमेंट पर नजर बनाए हुए है।
ऐसा कहा जा रहा है कि ओमिक्रॉन स्ट्रेन हल्का इंफेक्शन ही फैलाता है। उन्होंने यूरोप में ओमिक्रॉन के संक्रमण की रफ्तार को हाईलाइट किया और भारत की आबादी से उसकी तुलना की।
हेल्थ मिनिस्ट्री के जॉइंट सेक्रेटरी सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि WHO के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन वैरिएंट डेल्टा स्ट्रेन के मुकाबले कहीं ज्यादा तेजी से पांव पसार रहा है। दूसरे शब्दों में कहें तो ओमिक्रॉन डेल्टा वैरिएंट से कहीं ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है। बता दें कि दक्षिण अफ्रीका में ही 24 नवंबर को ओमिक्रॉन वैरिएंट के पहले केस की पहचान की गई थी।
उन्होंने आगे कहा कि हमें ऐसी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए। ठंडा मौसम भी वायरस का संक्रमण फैलाने में मददगार साबित होगा। हालांकि अभी हालात स्थिर हैं, लेकिन हमें सावधानी बरतनी चाहिए। लोगों को सतर्कता बरतते हुए गैरजरूरी यात्रा और भीड़भाड़ से परहेज करना चाहिए।