नई दिल्ली। सर्दी-खांसी के लक्षणों वाले कोरोनावायरस (Coronavirus) संक्रमितों के फेफड़ों पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है। इससे बचाव के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सभी कोरोना पॉजिटिव रोगियों के लिए क्षय रोग (टीबी) की जांच और सभी स्वस्थ हुए टीबी रोगियों के लिए कोरोना स्क्रीनिंग की सिफारिश की है।
स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े विशेषज्ञ का मानना है कि टीबी और कोविड-19 दोनों ही ऐसे संक्रामक रोग हैं, जो सबसे पहले फेफड़ों पर हमला करते हैं। दोनों ही बीमारियों के लक्षण एक जैसे हैं यानी खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ। टीबी के संक्रमण के बाद बीमारी काफी धीमी गति से विकसित होती है।
जब क्षयरोग से ग्रसित व्यक्ति खांसता, छींकता या बोलता है तो उसके साथ संक्रामक ड्रॉपलेट न्यूक्लीआई उत्पन्न होता है, जो कि हवा के माध्यम से किसी अन्य व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है। ये ड्रॉपलेट न्यूक्लीआई कई घंटों तक वातावरण में सक्रिय रहते हैं।