नई दिल्ली। भारत में कोरोनावायरस की तीसरी लहर को लेकर आशंका जाहिर की जा रही है कि यह बच्चों को अधिक प्रभावित करेगी। हालांकि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) और ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) की तरफ से किए गए सीरो सर्वे के रिजल्ट राहत देने वाले हैं।
WHO-AIIMS की तरफ से की गई सीरोप्रिवैलेंस स्टडी के अनुसार भारत में कोरोना की संभावित तीसरी लहर के दौरान वयस्कों के मुकाबले बच्चों के ज्यादा प्रभावित होने की आशंका नहीं है।
यह सर्वे को 5 चुनिंदा राज्यों में 10 हजार लोगों पर किया गया। सर्वे में सामने आया कि वयस्कों के मुकाबले बच्चों में SARS-CoV-2 सीरो पॉजिटिविटी रेट ज्यादा है।
हालांकि अभी सीरो सर्वे के अंतरिम नतीजे सामने आए हैं। देश के 4 राज्यों के 4,500 प्रतिभागियों के डेटा का इस्तेमाल किया गया। सर्वे जारी है और अंतिम नतीजे अगले 2 से 3 महीने में आ सकते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक 2 साल 17 साल की उम्र के 55.7 प्रतिशत बच्चों में कोरोना वायरस की एंटीबॉडी पाई गई है। वहीं, वयस्क आबादी में 63.5 लोगों में इस वायरस की एंटीबॉडी मिली। एम्स द्वारा किए जा रहे इस सर्वे में शहरी और ग्रामीण, दोनों इलाकों के लोगों को शामिल किया गया। इस सर्वे में पाया गया कि 10 साल से अधिक उम्र के बच्चे अधिक संक्रमित हुए हैं क्योंकि वे घरों से बाहर भी निकलते हैं।