देश में लगातार कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्या में बढ़ोत्तरी के बाद अब एक डर का माहौल बन गया है। लोग अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित नजर आ रहे है। हर किसी के मन में एक ही सवाल उठ रहा है कि भारत कैसे इस जानलेवा बीमारी से बचेगा। लोग अपनी सुरक्षा को लेकर आशंकित नजर आ रहे है। कोरोना से लड़ने के लिए लोगों को मानसिक स्थिति पर कैसे तैयार किया जाए, इसको लेकर वेबदुनिया ने मनोचिकित्सक डॉक्टर सत्यकांत त्रिवेदी से खास बातचीत की।
बातचीत की शुरूआत करते हुए डॉक्टर सत्यकांत कहते हैं कि सबसे पहले जरूरत इस बात कि है कि हम कोरोना को लेकर किसी भी तरह घबराएं नहीं और न ही किसी तरह की पैनिक कंडीशन पैदा करें। वह कहते हैं कि अब जब कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है तो महत्वपूर्ण बात यह है कि इस हम कैसे मानसिक रूप से अपने को इस बीमारी से लड़ने के लिए तैयार कर यह सबसे जरूरी और महत्वपूर्ण है। इसके लिए वो लोगों को कुछ आसान टिप्स देते है।
वेबदुनिया से बातचीत में मनोचिकित्सक डॉक्टर सत्यकांत कहते हैं कि कोरोना वायरस को लेकर आज सोशल मीडिया पर कई तरह के भ्रामक मैसेज वायरल हो रहे है जो लोगों में डर फैला रहे है। वह कहते हैं कि सबसे पहले जरूरी है कि कोरोना को लेकर जो भी जानकारी लें वह अधिकृत सोर्स से ही लें जैसे डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट, स्वास्थ्य विभाग से उपलब्ध जानकारी पर ही भरोसा करें।
वेबदुनिया से बातचीत में डॉक्टर सत्यकांत कहते है कि कोरोना को लेकर दूसरी महत्त्वपूर्ण बात हाइजीन के लेकर बहुत सतर्क होना है..वह कहते हैं कि हाइजीन को लेकर जो भी नॉर्मल गाइडलाइन है उसको पालन करना होगा इसमें ओवर करने की जरूरत नहीं है। वह कहते हैं कि सबसे जरूरी बात है कि हम लोगों से जो भी इन्फॉर्मेशन शेयर कर रहे है उसका आधार होना चाहिए।
वह महत्वपूर्ण बात कहते हैं कि अगर आप की जानकारी में कोई भी व्यक्ति कोविड पॉजिटिव पाया जाता है तो न ही उसकी आलोचना करे या उसकी फैमली के बारे में कुछ टीका टिप्पणी करें। वह कहते है कि ऐसे समय में ऐसे लोगों को साइकोलॉजिकिल सपोर्ट की जरूरत होती है।
डॉक्टर सत्यकांत कहते है कि आज डर का माहौल ऐसा है कि लोग सामान्य सर्दी जुकाम को भी कोरोना के लक्षण मानने लगे है। वह लोगों को सलाह देते हुए कहते है कि अगर आपको अपने बारे में लगता है कि कोरोना के कोई लक्षण आप में है और ऐसा कोई डर आता है तो आप अपने डॉक्टर के पास जाए। ऐसा जरूरी नहीं कि हर सर्दी जुकाम कोरोना ही हो, इसलिए डॉक्टरों की सलाह पर यकीन करे न कि सोशल मीडिया को देखकर इलाज और टेस्ट न शुरु करें।
वह महत्वपूर्ण बात कहते है कि कोरोना को हम सबको मिलकर सामना करना होगा वह कहते है कि अगर आप बाहर (विदेश ) से लौटे हो तो इसकी जानकारी छुपाए नहीं बल्कि खुलकर सामने आए अपना तुरंत टेस्ट करवाए और स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों से लगातार संपर्क में रहे।