कोरोना वायरस ने दुनियाभर में हाहाकार मचा रखा है। देश में भी इस खतरनाक संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि कोरोना वायरस की दवा मिल गई है। किताब के एक पन्ने की तस्वीर शेयर कर दावा किया जा रहा है कि कोरोना वायरस नई बीमारी नहीं है और यूपी बोर्ड के स्कूलों में पढ़ाए जाने वाली 'जन्तु विज्ञान' की किताब में कोरोना वायरस का जिक्र किया जा चुका है। इस किताब में कोरोना वायरस के लक्षण, उसके फैलने के तरीके और उपचार के बारे में भी बताया गया है।
क्या लिखा है किताब में-
डॉ रमेश गुप्ता की लिखी इस किताब में बताया गया है कि साधारण जुकाम अलग-अलग तरह के वायरस के जरिए होता है, जिसमें 75 फीसद राइनोवायरस और बाकी में कोरोनावायरस जिम्मेदार होता है। यह रोग मौसम में बदलाव की वजह से होता है। इस रोग का संक्रमण छींकने से हवा में मौजूद बिन्दूकणों द्वारा होता है। इसके अलावा जब कोई संक्रमित शख्स दरवाजों के हैंडिल, घुडियो आदि को छूता है तो वायरस कण वहां पर लग जाते हैं और वहां से स्वस्थ इंसान में संक्रमण हो जाता है। इस रोग के उपचार हेतु एस्पिरिन, एंटी हिस्टेमीन और नेजल स्प्रे लाभप्रद है।
क्या है सच-
यह बात सही है कि कोरोना वायरस नई बीमारी नहीं है, लेकिन अभी जो बीमारी महामारी बनकर फैल रही है, वह कोरोना परिवार के नए वायरस 'नोवल कोरोना वायरस' यानि COVID-19 है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की आधिकारिक वेबसाइट पर
कोरोनावायरस के बारे में बताया गया है कि कोरोना वायरस, वायरस का एक बड़ा परिवार है जो जानवरों या मनुष्यों को बीमार कर सकता है। कई कोरोना वायरस मनुष्यों में सामान्य सर्दी से लेकर गंभीर बीमारियों जैसे MERS और SARS जैसी रेस्पीरेटरी इंफेक्शन पैदा कर सकता है। हाल ही में खोजे गए नए कोरोना वायरस से जो बीमारी होती है, उसे कोरोना वायरस डिजीज COVID-19 दिया गया है।
इसलिए किताब में कोरोना वायरस का जो इलाज बताया गया है, उससे अभी के कोरोना वायरस यानि COVID 19 का इलाज हो पाएगा, यह कहा नहीं जा सकता है।
बता दें कि WHO ने अपने वेबसाइट पर बताया है कि COVID 19 के संक्रमण का अभी तक कोई इलाज नहीं है क्योंकि अब तक इसकी कोई वैक्सीन या दवा नहीं बनी है।
वेबदुनिया की पड़ताल में पाया गया है कि सोशल मीडिया पर वायरल COVID 19 के इलाज का दावा भ्रामक है।