Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

अमेरिका ने ब्राजील को भेजी कोरोना की अप्रमाणित दवा

हमें फॉलो करें अमेरिका ने ब्राजील को भेजी कोरोना की अप्रमाणित दवा
, सोमवार, 1 जून 2020 (13:49 IST)
वॉशिंगटन। अमेरिका ने कोविड-19 के उपचार के लिए ब्राजील को मलेरिया की दवा की 20 लाख से ज्यादा खुराक भेजी है जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कोरोना वायरस से बचाव और उसके इलाज में कारगर बताया है हालांकि विज्ञान ने अब तक इस दवा के इन परिणामों को प्रमाणित नहीं किया है।
अब तक किसी बड़े वैज्ञानिक अध्ययन में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा को कोविड-19 से बचाव या उसके इलाज के लिए सुरक्षित एवं प्रभावी नहीं पाया गया है और कुछ छोटे अध्ययनों में तो इस दवा के बुरे नतीजे ही देखने को मिले हैं।
 
लातिन अमेरिका में कोरोना वायरस के संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित ब्राजील में वायरस के संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। पिछले हफ्ते ट्रंप ने घोषणा की थी कि अमेरिका ब्राजील से होने वाली यात्रा पर प्रतिबंध लगा रहे हैं ताकि वहां से आने वाले यात्री अमेरिका में संक्रमण न फैलाएं।
 
ब्राजील सरकार के साथ रविवार को जारी किए गए संयुक्त बयान में व्हाइट हाउस ने कहा कि अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों के लिए रोगनिरोधक और वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों के लिए इलाज के तौर पर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की खुराक ब्राजील को भेजी गई हैं। व्हाइट हाउस ने कहा कि वह ब्राजील को 1,000 वेंटिलेटर भी भेज रहा है।
 
ट्रंप ने मई में कहा था कि उन्होंने कोरोना वायरस से बचने के लिए दो हफ्ते तक दवा का सेवन किया था जबकि उनकी अपनी ही सरकार ने इसके खिलाफ उन्हें चेताया था और कहा था कि कोविड-19 के लिए यह दवा अस्पताल या अनुसंधान के दौरान ही ली जानी चाहिए, क्योंकि इसके दुष्प्रभाव घातक हो सकते हैं।
 
डब्ल्यूएचओ में फिर शामिल होने पर विचार करेगा अमेरिका : अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने रविवार को कहा कि अगर डब्ल्यूएचओ भ्रष्टाचार और चीन के प्रति झुकाव को खत्म करे तो उनका देश फिर से इसमें शामिल हो सकता है। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से नाता तोड़ते हुए उस पर चीन के प्रति झुकाव रखने और कोरोना वायरस महामारी को लेकर जानकारियां छिपाने का आरोप लगाया था।
 
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ'ब्रायन ने एबीसी न्यूज से कहा कि राष्ट्रपति ने कहा है कि डब्ल्यूएचओ में सुधार की जरूरत है। अगर उसमें सुधार होता है और भ्रष्टाचार तथा चीन के झुकाव खत्म होता है तो अमेरिका बहुत गंभीरता से इसमें दोबारा शामिल होने पर विचार करेगा। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

जसप्रीत बुमराह ने कहा, मुझे ड्यूक्स गेंद से गेंदबाजी करना पसंद है