नई दिल्ली। कोरोना वायरस की दूसरी बड़ी लहर के बीच यह कोरोना मरीजों के लिए अच्छी खबर है।
कोरोनावायरस की बढ़ती रफ्तार के बीच केंद्र सरकार ने महामारी के इलाज में उपयोग होने वाली प्रमुख दवा रेमडेसिविर (Remdesivir) के दाम में बड़ी छूट दी है।
केंद्र सरकार ने रेमडेसिविर की कीमतों में लगभग 50 प्रतिशत की कटौती की है। यह कदम ऐसे समय पर काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि भारत में दैनिक नए मामले निरंतर बढ़ रहे हैं। रेमडेसिविर के इजेंक्शन के दामों में कटौती की जानकारी देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने ट्वीट किया कि कोरोना के लाखों मरीजों को बड़ी राहत देते हुए सरकार ने जीवन रक्षक रेमडेसिविर इंजेक्शन की कीमतों में लगभग 50 फीसद की कटौती की है।
राज्यों ने मांगे रेमडेसिविर के इंजेक्शन : केंद्र सरकार द्वारा शनिवार को बुलाई गई बैठक में 11 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने अस्पतालों को अधिक मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर और रेमडेसिविर की आपूर्ति करने तथा टीके की खुराक की आपूर्ति बढ़ाने की मांग की ।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्घन की अध्यक्षता में 11 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्रियों की उच्च स्तरीय समीक्षा हुई । इस बैठक में राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेश के साथ हाल ही में कोविड-19 के मामलों में हुई भारी वृद्धि की रोकथाम और प्रबंधन के किए गए उपायों की समीक्षा की गई । महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, केरल, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, कर्नाटक, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में कोविड-19 के नए मामलों में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है ।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के बयान के अनुसार, इस बैठक में राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों ने पृथकवास, निगरानी और कोविड-19 के पाजीटिव मामलों के उपचार के लिए की गई कार्रवाई का संक्षेप में विवरण दिया और अपने अपने राज्यों की श्रेष्ठ प्रक्रियाओं का भी उल्लेख किया ।
इसमें कहा गया है कि ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति बढ़ाने, अस्पतालों में रेमडिसीविर की आपूर्ति बढ़ाने, वेंटीलेटर का भंडार बढ़ाने और वैक्सीन की खुराक की अधिक आपूर्ति जैसे मुद्दे लगभग सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेश ने रखे ।
बैठक में कई राज्यों ने मेडिकल ऑक्सीजन आपूर्ति के विवरण और रेमडेसिविर जैसी आवश्यक दवाओं के मूल्य को सीमित करने का मुद्दा उठाया और कहा कि यह दवा कालाबाजारी के जरिए बहुत अधिक कीमत पर बेची जा रही है ।
मंत्रालय ने कहा कि महाराष्ट्र में दोहरी उत्परिवर्ती स्वरूप (डबल म्यूटेंट स्ट्रेन) प्रमुख चिंता का कारण रहा । दिल्ली सरकार ने केन्द्र सरकार के अस्पतालों में अतिरिक्त बिस्तर दिए जाने का अनुरोध किया और कहा कि 2020 में स्वास्थ्य संकट पर काबू पाने के लिए ऐसी सहायता दी गई थी।
बयान के अनुसार, गृह मंत्रालय की अधिसूचना में राज्यों को उनके राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष के वार्षिक आवंटन में से 50 प्रतिशत भाग का उपयोग करने, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत 1 अप्रैल, 2021 की तिथि के अनुसार खर्च न की गई राशि का उपयोग कोविड प्रबंधन के लिए करने की भी अनुमति दी गई।
केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों को मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन और रेमडेसिविर के देश में भंडार को मजबूत करने की जानकारी दी। गौरतलब है कि ये दोनों मुद्दे स्वास्थ्य सचिव, गृह सचिव, सचिव, डीपीआईआईटी, सचिव, औषध आदि द्वारा आयोजित बैठकों में भी उठाए गए थे।
मंत्रालय के अनुसार, राज्यों को मेडिकल ऑक्सीजन आपूर्ति के केलेंडर जारी होने की सूचना दी गई जिसमें देश के विभिन्न ऑक्सीजन निर्माताओं द्वारा आपूर्ति का कार्यक्रम दिया गया है । निर्माताओं से राज्यों में ऑक्सीजन सिलेंडर की निर्बाध आपूर्ति के लिए उठाए गए कदमों की भी जानकारी दी गई ।
फरवरी के बाद मामलों में आया सक्रिय उछाल का उल्लेख करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि अधिकांश राज्यों में ये पिछली अधिकतम संख्या को पार कर गया है। उन्होंने राज्यों से अपील की कि वे समय पर योजना बनाएं, कोविड अस्पतालों, ऑक्सीजन युक्त बिस्तर और अन्य प्रासंगिक ढ़ाचे की संख्या बढ़ाएं ताकि मामलों में और उछाल आने की स्थिति से निपटा जा सके।
स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यों से अनुरोध किया कि वे अपने प्रदेश में पांच-छह शहरों पर विशेष ध्यान दें, और इन शहरों के मेडिकल कॉलेजों को निकटवर्ती 2-3 जिलों से जोड़ें । राज्यों से कहा गया कि वे प्रारंभिक लक्षणों की शुरूआत से ही पाजिटिव मामलों का पता लगाएं ताकि तीव्र और प्रभावी उपचार किया जा सके और इससे रोगियों में स्वास्थ्य बिगड़ने पर काबू पाया जा सकता है। कार्य नीति के अंतर्गत सामुदायिक पृथकवास सुनिश्चित करने के लिए बड़े कंटेनमेंट जोन का सुझाव दिया गया।
केंद्रीय मंत्री ने राज्यों को स्मरण कराया कि वे रोगाणु के जीनोमिक म्यूटेंट का आकलन करने के लिए समन्वयक नोडल अधिकारी को नैदानिक और महामारी से संबंधित चित्र भेजें और नैदानिक चित्रों के साथ जनस्वास्थ्य परिदृश्य को मिलाकर देखने का प्रयास करें ।
डॉ. हर्षवर्धन ने जीवन रक्षक मशीनों की ताजा आपूर्ति का आश्वासन देते हुए बताया कि 1121 वेंटिलेटर महाराष्ट्र को, 1700 उत्तरप्रदेश को, 1500 झारखंड को, 1600 गुजरात को, मध्य प्रदेश को 152 और छत्तीसगढ़ को 230 दिए जाने हैं।
टीके के संबंध में मंत्री ने कहा कि अब तक कुल टीके की खपत, बेकार गई खुराक समेत, लगभग 12 करोड़ 57 लाख 18 हजार खुराक रही है जबकि केन्द्र ने राज्यों को 14 करोड़ 15 लाख खुराक उपलब्ध कराई है। उन्होंने कहा कि लगभग 1 करोड़ 58 लाख खुराक अब भी उपलब्ध हैं जबकि अन्य 1 करोड़ 16 लाख 84 हजार पाइप लाइन में है जो अगले सप्ताह तक पहुंच जाएगी ।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक छोटे राज्य के भंडार में 7 दिन के बाद आपूर्ति की जाती है जबकि बड़े राज्यों में 4 दिन में आपूर्ति की जाती है। टीके की कोई कमी न होने की बात पर बल देते हुए स्वास्थ्य मंत्री कहा कि वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया में और अधिक तेजी लाने की आवश्यकता है । डॉ. हर्षवर्धन ने संकट से निपटने के लिए स्वास्थ्य ढांचे में हुए विस्तार का विवरण दिया।
उन्होंने कहा कि महामारी की शुरूआत के समय में देश में एक प्रयोगशाला हुआ करती थी जबकि अब हमारे पास 2463 प्रयोगशालाएं हैं जिनकी कुल मिलाकर दैनिक जांच क्षमता 15 लाख है । पिछले 24 घंटे में 14 लाख 95 हजार 397 जांच की गई जिससे अब तक की गई जांच की संख्या बढ़कर 26 करोड़ 88 लाख 6 हजार 123 हो गई। उन्होंने कहा कि 3 स्तरीय स्वास्थ्य ढांचे में अब 2084 विशेष कोविड अस्पताल हैं, 4043 विशेष कोविड स्वास्थ्य केंद्र हैं और 12673 कोविड केयर केंद्र हैं । इनमें 18 लाख 52 हजार 265 बिस्तर हैं जिनमें से 4 लाख 68 हजार 974 बिस्तर विशेष कोविड अस्पतालों में हैं।
बैठक में छत्तीसगढ़ के मंत्री टी.एस सिंहदेव, दिल्ली के सत्येन्द्र जैन, कर्नाटक के डॉ. के सुधाकर, मध्य प्रदेश के डॉ. प्रभु राम चौधरी,महाराष्ट्र के राजेश टोपे, उत्तर प्रदेश के जय प्रताप सिंह, केरल की के.के सैलजा, राजस्थान के डॉ. रघु शर्मा और राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेश के स्वास्थ्य सचिवों एवं अन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया।