अयोध्या। श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या का सबसे बड़े उत्सव रामनवमी को बड़े ही भव्य पैमाने पर मनाया जाता है। इस दिन बड़े-बड़े महोत्सव आयोजित होते हैं। इनमें शामिल होने के लिए देश के कोने-कोने से लाखों की संख्या में रामभक्त अपने आराध्य श्रीराम के जनमोत्सव को भव्य व दिव्य रूप में मनाने के लिए अयोध्या आते हैं।
इस वर्ष तो श्रीराम नवमी को और भी भव्य रूप से मनाने की तैयारियां की जा रही थीं। क्योंकि श्रीराम जन्मभूमि के निर्माण के लिए देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट से फैसला आया था और वर्षों से टेंट में रह रहे रामलला को अस्थायी भवन में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा विराजमान कराया भी जा चुका है।
इतिहास में पहली बार अयोध्या में सन्नाटा पसरा हुआ है। विश्वव्यापी महामारी कोरोना वायरस (Corona Virus) पर विजय प्राप्त करने के लिए 21 दिनों के लॉकडाउन का सभी साधु-संत व रामभक्त पूर्ण रूप से पालन कर रहे हैं। यही कारण है कि अयोध्या की गलियां, सड़कें, व मठ-मंदिरों में सन्नाटा है।
सभी रामनवमी का पर्व अपने-अपने घरों व मठ-मंदिरों में मना रहे हैं। इसका आह्वान विहिप के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चम्पत राय व राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी महंत सतेंद्रदास एवं महंत अवधेशदास के साथ ही सभी प्रमुख संत-महंत कर रहे हैं।
संत-महंतों का कहना है कि हम अपने आराध्य श्रीराम का जन्मोत्सव बाद में भी मना लेंगे, लेकिन इस समय हम सभी को प्रधानमंत्री का साथ देते हुए कोरोना पर विजय प्राप्त करना जरूरी है।