कोरोना वायरस (Corona Virus) यानी कोविड 19 मानवता का अदृश्य शत्रु है, जिसका फिलहाल कोई इलाज भी नहीं है। कई बार तो इस वायरस के लक्षण शुरू में ही पता चल जाते हैं, लेकिन कई बार स्थितियां ऐसी भी होती है, जब इसके लक्षण सामने आते हैं, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। लेकिन, छोटी-छोटी सावधानियों से न सिर्फ हम बल्कि दूसरों को भी इस घातक वायरस के हमले से बचाया जा सकता है।
इस वायरस के शुरुआती लक्षणों का सर्दी, जुकाम, खांसी, कफ, बुखार आदि से पता लगाया जा सकता है। इसमें सबसे अहम है आपके शरीर का तापमान (बॉडी टेंपरेचर) और ऑक्सीजन का लेवल। यदि ये दोनों सही नहीं है तो व्यक्ति को तत्काल अपना अगला परीक्षण करवाना चाहिए।
इंदौर प्रेस क्लब द्वारा पत्रकारों की सक्रीनिंग के मौके पर डॉक्टर अजय परमार ने वेबदुनिया को बताया कि बताया कि कोरोना का सबसे ज्यादा असर व्यक्ति के फेफड़ों और श्वसन तंत्र पर होता है। अत: व्यक्ति के शरीर का ऑक्सीजन लेवल सही होना चाहिए साथ ही बॉडी का टेंपरेचर भी सही होना चाहिए।
डॉ. परमार ने बताया कि शरीर का तापमान 100-101 से ऊपर नहीं होना चाहिए, यदि यह इस मानक से ऊपर है तो व्यक्ति को निश्चित ही अगली जांच करवानी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन कर स्तर 90 से कम नहीं होना चाहिए। यदि ऑक्सीजन लेवल 90 से कम है तो चिंता की बात है और व्यक्ति को अपनी जांच करवानी चाहिए। यदि ये दोनों ही मानकों के अनुरूप हैं तो चिंता की कोई बात नहीं है।
इसी तरह कोरोना से लड़ने के लिए व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) भी सही होनी चाहिए। जिनकी इम्युनिटी अच्छी है, वे कोरोना का अच्छे से मुकाबला कर सकते हैं। इसके बारे में शिविर में मौजूद डॉ. प्रशांत सिंह चौहान ने बताया कि चूंकि कोरोना का फिलहाल कोई उपचार नहीं है, अत: बचाव ही इसका सबसे बड़ा इलाज है।
उन्होंने बताया कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली कुछ च्यवनप्राश के साथ ही आयुर्वेदिक काढ़ा इसके लिए काफी उपयोगी सिद्ध हो सकता है। आयुष विभाग ने इसके लिए एक काढ़ा तैयार किया है। इसका सेवन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग यह मानते हैं कि कोरोना में शराब फायदेमंद हो सकती है तो उन्हें यह भ्रम अपने मन से निकाल देना चाहिए। दरअसल, सिगरेट और शराब से इम्यून सिस्टम पर नकारात्मक असर पड़ता है।