देश के जाने-माने लेखक- साहित्यकार डॉ नरेंद्र कोहली का निधन हो गया। उन्होंने शनिवार शाम 6 बजकर 40 मिनट पर अंतिम सांस ली। कोरोना से संक्रमित होने के कारण उन्हें दिल्ली के सेंट स्टीफंस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने पौराणिक कहानी के आधेर पर अभ्युदय, युद्ध, वासुदेव, अहल्या, जैसे प्रसिद्ध किताबें लिखी थी।
नरेंद्र कोहली को पद्म भूषण पुरस्कार मिला था। डॉ. नरेंद्र कोहली हिंदी जगत में सबसे अधिक रॉयल्टी पाने वाले लेखक थे। उनके निधन पर साहित्यप्रेमियों में शोक की लहर है।
नरेंद्र कोहली ने महाभारत और रामायण जैसे महाकाव्यों की कहानियों और उनके किरदारों को नए कलेवर में हिंदी साहित्य जगत के लिए पेश किया है। कोहली के निधन की खबर के बाद सोशल मीडिया फेसबुक और ट्विटर पर उन्हें श्रद्धाजंलि का तांता लग गया।
सम्मान
नरेंद्र कोहली को पद्मश्री सम्मान, व्यास सम्मान, शलाका सम्मान, पंडित दीनदयाल उपाध्याय सम्मान, अट्टहास सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। नरेन्द्र कोहली ने साहित्य की सभी प्रमुख विधाओं (उपन्यास, व्यंग्य, नाटक, कहानी) एवं गौण विधाओं (संस्मरण, निबन्ध, पत्र आदि) और आलोचनात्मक साहित्य में अपनी लेखनी चलाई। हिन्दी साहित्य में महाकाव्यात्मक उपन्यास की विधा को प्रारम्भ करने का श्रेय नरेन्द्र कोहली को ही जाता है। पौराणिक एवं ऐतिहासिक चरित्रों की गुत्थियों को सुलझाते हुए उनके माध्यम से आधुनिक समाज की समस्याओं एवं उनके समाधान को समाज के समक्ष प्रस्तुत करना नरेन्द्र कोहली की अन्यतम विशेषता थी। नरेन्द्र कोहली सांस्कृतिक राष्ट्रवादी साहित्यकार थे, जिन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से भारतीय जीवन-शैली एवं दर्शन का सम्यक् परिचय करवाया।