नई दिल्ली। केंद्र ने ग्रामीण भारत में कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 के प्रभावी प्रबंधन को लेकर कार्य जारी रखने का उल्लेख करते हुए शनिवार को कहा कि कुल 1,50,000 उप स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दिसंबर 2022 तक आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र (एबी-एचडब्ल्यूसी) में बदले जाएंगे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों का व्यापक नेटवर्क है। देश में 31 मार्च 2020 तक 155,404 उप स्वास्थ्य केंद्र (एसएचसी) और 24,918 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) और 5895 शहरी पीएचसी हैं।
बयान में कहा गया, ग्रामीण और शहरी इलाकों में कुल 1,50,000 उप स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दिसंबर 2022 तक आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र में बदले जाएंगे। इससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समुदायों को पास में और नि:शुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी।
मंत्रालय ने कहा कि जरूरी जांच की सुविधाएं नि:शुल्क मुहैया कराई जाती हैं। उप स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर 14 जांच और प्राथमिकी स्वास्थ्य केंद्र पर 63 जांच की सुविधा दी जा रही है। एसएचसी स्तर पर 105 दवाएं और पीएचसी स्तर पर 172 दवाएं नि:शुल्क मुहैया कराई जाती हैं।
मंत्रालय ने कहा कि अब तक आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र से करीब 50.29 करोड़ लोगों ने स्वास्थ्य सुविधाएं ली हैं और इनमें से करीब 54 प्रतिशत महिलाएं थीं। मंत्रालय ने रेखांकित किया कि ई-संजीवनी प्लेटफॉर्म के जरिए टेलीमेडिसिन सेवा से साठ लाख से अधिक परामर्श दिए गए हैं और इनमें से 26.42 लाख परामर्श स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र पर दिए गए।(भाषा)